
Tue, 26 Aug 2025 06:47 PM IST, देहरादून, भारत।
रेबीज का नहीं है कोई उपचार: परिजनों ने नहीं लगवाई थी एंटी-रेबीज वैक्सीन
उत्तराखंड के देहरादून में रेबीज से संक्रमित एक युवक की निजी अस्पताल में मौत हो गई। 30 वर्षीय इस युवक में कुत्ते के काटने के छह महीने बाद रेबीज के गंभीर लक्षण दिखाई दिए थे। युवक को दून अस्पताल लाया गया था, जहां से उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया। लेकिन स्थिति में सुधार न होने पर परिजन उसे एक निजी अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
लक्षण और लापरवाही
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. रविंद्र सिंह बिष्ट ने बताया कि जब युवक को अस्पताल लाया गया, तो उसे पानी और उजाले से डर लग रहा था, उसके मुंह से लगातार लार गिर रही थी, और वह बहुत आक्रामक हो रहा था। इन लक्षणों को देखकर डॉक्टर भी हैरान रह गए।
युवक की मां, शशि शर्मा, ने बताया कि छह महीने पहले उसे एक कुत्ते ने काटा था। यह बात सामने आने पर डॉक्टरों को रेबीज का संदेह हुआ। जांच में यह बात पुख्ता हो गई कि युवक को रेबीज था, और परिजनों ने उसे कुत्ते के काटने के बाद एंटी-रेबीज वैक्सीन नहीं लगवाई थी।
रेबीज का कोई इलाज नहीं, जागरूकता जरूरी
डॉ. बिष्ट ने चेतावनी दी कि एक बार रेबीज का संक्रमण फैल जाए, तो इसका कोई इलाज नहीं है। यह लोगों के लिए बेहद जरूरी है कि कुत्ते या किसी भी जानवर के काटने पर तुरंत एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाएं।
दून अस्पताल के आपात चिकित्सा अधिकारी डॉ. अमित अरुण ने बताया कि इन दिनों कुत्ते के काटने के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन लगभग 35 लोग एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए अस्पताल आ रहे हैं, जिनमें से कुछ की हालत काफी गंभीर होती है। यह घटना लोगों को जागरूक करने और पालतू या गली के कुत्तों के काटने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने की आवश्यकता पर जोर देती है।