आवास विकास परिषद ने आगरा में एक बिल्डिंग को सील कर दिया, जहां हिताची फाइनेंस कंपनी का करेंसी चेस्ट स्थित था। इसकी वजह से एटीएम में कैश लोड करना बंद हो गया, संभावित रूप से अटकलों के समय ग्राहकों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।
क्या है मामला?
यह मामला आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 4A में स्थित एक कमर्शियल बिल्डिंग का है। यह तीन मंजिला इमारत 25 फरवरी को आवास विकास परिषद द्वारा सील कर दी गई थी। परिषद के प्रवर्तन दल प्रभारी जीएम खान ने बताया कि बिल्डिंग को सील करने से पहले करीब एक साल से नोटिस जारी किए गए थे।
इस बिल्डिंग में हिताची फाइनेंशियल मैनेजमेंट का ऑफिस और करेंसी चेस्ट बना हुआ था। जीएम खान ने बताया कि सीलिंग के दौरान फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर दीपांशु मौजूद थे, जिन्होंने उस समय चेस्ट में करेंसी न होने की बात कही थी। हालांकि, अब फाइनेंस कंपनी के अधिकारी लगातार विभाग से संपर्क कर रहे हैं।
कैश की हो सकती है किल्लत
हिताची फाइनेंशियल मैनेजमेंट कंपनी शहर के कई एटीएम का संचालन करती है। इसके अलावा, यह कंपनी अन्य बैंकों के व्हाइट लेबल एटीएम में भी कैश लोड करती है। पिछले तीन दिनों से कंपनी द्वारा एटीएम में कैश लोड नहीं किया जा सका है।
अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो शादी, इमरजेंसी और अन्य आवश्यकताओं के लिए एटीएम से पैसा निकालने वाले ग्राहकों को समस्या हो सकती है। सीलिंग के कारण करेंसी चेस्ट बंद है और एटीएम में रखा कैश भी जल्द खत्म होने की संभावना है।
क्या होते हैं व्हाइट लेबल एटीएम?
ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के स्टेट सेक्रेटरी अंकित कुमार ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केवल अपने शिड्यूल कमर्शियल बैंकों को करेंसी चेस्ट प्रदान करता है। प्राइवेट कंपनियां, जैसे हिताची, इसमें शामिल नहीं हैं।
किसी भी फाइनेंस कंपनी को आरबीआई से लाइसेंस प्राप्त करने के बाद व्हाइट लेबल एटीएम (WLA) संचालित करने की अनुमति मिलती है। ये गैर-बैंकिंग संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं और बैंकों के एटीएम का एक विकल्प होते हैं। टाटा इंडियाकैश और हिताची जैसी कई कंपनियां व्हाइट लेबल एटीएम संचालित कर रही हैं।