नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में मंगलवार को शराब नीति-2024 पर सीएजी (नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट पेश की गई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस रिपोर्ट को सदन के पटल पर रखा। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने पिछली सरकार पर संविधान के नियमों का उल्लंघन करने और रिपोर्ट को छिपाने का गंभीर आरोप लगाया।
पिछली सरकार पर रिपोर्ट छिपाने का आरोप:
रिपोर्ट पेश होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा, “यह जानकर हैरानी होती है कि 2017-18 के बाद सीएजी रिपोर्ट विधानसभा में पेश नहीं की गई है। इस संबंध में तत्कालीन विपक्ष के नेता यानी मैंने और पांच अन्य विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति, विधानसभा अध्यक्ष, सीएम और मुख्य सचिव से रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया था। राज्य की वित्तीय स्थिति जानने के लिए यह बहुत जरूरी था। दुर्भाग्य से सीएजी रिपोर्ट पेश नहीं की गई और पिछली सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया।”
बीजेपी ने किया था वादा:
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि सरकार बनने के बाद पहले ही सत्र में सीएजी रिपोर्ट पेश की जाएगी। इस वादे को पूरा करते हुए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सदन में सीएजी रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट में क्या है?
सीएजी रिपोर्ट में दिल्ली की शराब नीति-2024 से जुड़े कई महत्वपूर्ण खुलासे होने की संभावना है। रिपोर्ट में पिछली सरकार के कार्यकाल में शराब नीति के क्रियान्वयन में हुई अनियमितताओं और वित्तीय गड़बड़ियों का जिक्र हो सकता है।
आगे क्या होगा?
अब विधानसभा में इस रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष इस रिपोर्ट के आधार पर पिछली सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। वहीं, सत्ता पक्ष रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का जवाब देगा।
यह रिपोर्ट दिल्ली की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। रिपोर्ट में हुए खुलासों से पिछली सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।