आगरा। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संसद में डॉ. भीमराव अंबेडकर पर दिए गए बयान के खिलाफ बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। बसपा प्रमुख मायावती के आह्वान पर हुए इस विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।
प्रदर्शन की मुख्य बातें:
- गृह मंत्री के बयान पर आक्रोश: प्रदर्शनकारियों ने नारे लगाए, “बाबा साहब का अपमान नहीं सहेंगे” और “गृह मंत्री अमित शाह इस्तीफा दो।”
- जनसमर्थन का प्रदर्शन: लंबे समय बाद बसपा ने सड़कों पर अपनी ताकत दिखाई, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि पार्टी का जनाधार अब भी मजबूत है।
- प्रदर्शन के कारण जाम: कलेक्ट्रेट के आसपास प्रदर्शन के कारण यातायात बाधित हो गया, और जाम की स्थिति बन गई।
- डीएम की गाड़ी फंसी: प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ के चलते जिला अधिकारी (डीएम) की गाड़ी फंस गई, जिसके कारण उन्हें पैदल ही अपने कार्यालय जाना पड़ा।
बसपा नेताओं का रुख:
बसपा नेताओं ने साफ किया कि यह प्रदर्शन अमित शाह के बयान के खिलाफ था, जिसे वे बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान मानते हैं। नेताओं ने कहा कि जब तक अमित शाह इस्तीफा नहीं देंगे, बसपा का आंदोलन जारी रहेगा।
बसपा की ताकत का संकेत:
इस प्रदर्शन ने न केवल बसपा की राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी साबित किया कि पार्टी समर्थक अभी भी पार्टी के विचारधारा और नेतृत्व के साथ खड़े हैं। लंबे समय से शांत रही बसपा ने इस प्रदर्शन के जरिए एक बार फिर अपनी उपस्थिति का एहसास कराया।
प्रदर्शन के प्रभाव:
- कलेक्ट्रेट के पास दिनभर यातायात बाधित रहा।
- प्रशासन को प्रदर्शनकारियों की भीड़ को संभालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
- बसपा ने स्पष्ट किया कि इस मामले में पार्टी पीछे नहीं हटेगी और आंदोलन को और तेज करेगी।
यह प्रदर्शन बसपा के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम था, जिसने विपक्ष के रूप में पार्टी की सक्रियता को फिर से उजागर किया। वहीं, प्रशासन और सरकार के लिए यह स्पष्ट संकेत था कि डॉ. अंबेडकर के सम्मान के सवाल पर कोई भी बयान विपक्ष को लामबंद कर सकता है।