
🕰️ नई दिल्ली | बुधवार, 10 सितम्बर 2025 | सुबह 03:18 बजे IST
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि भारत को अमेरिका की बात माननी ही होगी, वरना अंजाम अच्छा नहीं होगा। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव और रूस से तेल आयात को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं।
नवारो का तीखा बयान: भारत को ‘महाराज’ कहा
रियल अमेरिकाज वॉयस कार्यक्रम में नवारो ने कहा कि भारत को किसी न किसी समय अमेरिका के साथ व्यापार वार्ताओं पर सहमत होना ही पड़ेगा। उन्होंने भारत को टैरिफ का ‘महाराज’ बताते हुए कहा कि भारत दुनिया में अमेरिका के खिलाफ सबसे ऊंचे शुल्क लगाता है। यह बात भारत सरकार को आहत कर गई है।
रूस-चीन के साथ खड़े होने की चेतावनी
नवारो ने कहा कि अगर भारत अमेरिका की बात नहीं मानता, तो वह रूस और चीन के साथ खड़ा नजर आएगा, और यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत दशकों से चीन के साथ युद्ध लड़ता रहा है और हिंद महासागर में चीनी झंडे लिए हवाई जहाज घूम रहे हैं।
BRICS पर हमला: ‘वैम्पायर की तरह खून चूसते हैं’
BRICS देशों पर निशाना साधते हुए नवारो ने कहा कि यह समूह अमेरिका को अपना माल बेचकर ही जीवित रह सकता है। उन्होंने इन देशों की व्यापार नीतियों को ‘वैम्पायर’ की तरह बताया जो अमेरिका की नसों का खून चूसते हैं।
रूस से तेल आयात पर आरोप
नवारो ने दावा किया कि भारत ने रूस से तेल आयात तब शुरू किया जब यूक्रेन पर हमला हुआ। उन्होंने इसे ‘मुनाफाखोरी’ बताया और कहा कि रूसी रिफाइनर भारत की जमीन पर आकर लाभ कमा रहे हैं, जिससे अमेरिकी करदाताओं को संघर्ष के लिए और अधिक पैसा देना पड़ता है।
सोशल मीडिया पर हमला: ‘भारत जनमत से छेड़छाड़ करता है’
नवारो ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश है, लेकिन वह कुछ लाख लोगों को ही मंच देता है ताकि वे जनमत सर्वेक्षणों से छेड़छाड़ कर सकें। उन्होंने इसे ‘बड़ा मजाक’ बताया और कहा कि विदेशी हित अमेरिकी सोशल मीडिया का इस्तेमाल अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।
भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक भारत सरकार की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि इस बयान को गंभीरता से लिया जा रहा है और उचित समय पर जवाब दिया जाएगा।
विश्लेषण: क्या बिगड़ते रिश्तों की शुरुआत है?
नवारो के बयान को केवल व्यक्तिगत राय नहीं माना जा सकता, क्योंकि वे राष्ट्रपति ट्रंप के करीबी सलाहकार हैं। यह बयान भारत-अमेरिका संबंधों में एक नई खटास की ओर इशारा करता है, खासकर जब भारत रूस से तेल खरीद रहा है और BRICS में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
अमेरिका की रणनीति और भारत की स्थिति
अमेरिका चाहता है कि भारत उसके साथ व्यापार समझौते करे और रूस से दूरी बनाए। लेकिन भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा और रणनीतिक स्वतंत्रता को प्राथमिकता देता है। ऐसे में यह टकराव आगे और बढ़ सकता है।
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लहजे की तल्ख़ी, रिश्तों की चुनौती
पीटर नवारो का बयान भारत के लिए एक चेतावनी है, लेकिन यह भी दर्शाता है कि अमेरिका भारत को एक निर्णायक साझेदार मानता है। अब देखना यह है कि भारत इस दबाव का जवाब कैसे देता है — रणनीतिक चुप्पी से या स्पष्ट प्रतिरोध से।
संपादन: ठाकुर पवन सिंह