
आगरा का स्मार्ट मेकओवर होगा पहले बारिश के घाव तो भर जाएं!
Come September के साथ नए टूरिस्ट सीजन का आग़ाज़
GST बदलाव से होगा फायदा
बृज खंडेलवाल
6 सितंबर 2025
सितंबर आते ही अगरा में ठंडी हवा के साथ नया टूरिस्ट सीजन भी शुरू होने वाला है—या यूं कहें, टूरिस्टों का ‘धमाका’ फिर शुरू हो रहा है। जी हां, वही अगरा जो ताजमहल के लिए मशहूर है, अब खुद को स्मार्ट बनाने की तैयारी में है।
कहते हैं पैसा बोलता है, और जब जीएसटी काउंसिल ने 22 सितंबर से होटल और हवाई टिकट के टैक्स में कटौती का एलान किया, तो टूरिज्म उद्योग में खुशी की लहर दौड़ गई। अब 7,500 रुपए तक के कमरे पर सिर्फ 5% टैक्स लगेगा, जो पहले 12% था। मतलब— ‘मिडिल क्लास टूरिस्ट’ के जेब पर अब थोड़ा कम बोझ। हवाई जहाज के सस्ते किराए से भी उम्मीदों को पंख मिलेंगे।
विशेषज्ञों की मानें, तो इससे देसी पर्यटकों की संख्या 10-15% तक बढ़ेगी, और अगरा को अब ताजमहल के अलावा और भी कमाई के दरवाज़े खुलेंगे।
लेकिन, हाल में आयी भारी बरसात ने शहर को बड़ा झटका दिया है। चार दिन तक अगरा का कुछ हिस्सा पानी में डूबा, और ताज समेत कई पर्यटन स्थलों तक पहुंच मुश्किल हुई। नतीजा? इस गर्मजोशी के मौसम में 20-25% तक कम पर्यटक आए।
अब तो वक्त है शहर को चमकाने का। टूटी सड़कें, झरझराते फुटपाथ, गंदे नाले—सबको “रिटायरमेंट प्लान” देना होगा। स्ट्रीट लाइट्स लगेंगे तो रात की सैर भी रॉमांचक बनेगी, न कि हॉरर मूवी की तरह।
पब्लिक टॉयलेट्स भी अब केवल नज़र का तारा नहीं, बल्कि साफ़ और स्मार्ट होंगे। एक बार फिर से “बेकार की गंदगी” हटनी चाहिए, वरना खासी शिकायतें आएंगी।
सदर बाजार और किनारी बाजार को अब डिजिटल पेमेंट का चश्मा पहनाना है और इको-फ्रेंडली पैकेजिंग से पर्यावरण प्रेमियों का दिल जीतना है। ‘भिखारियों और दलालों’ को भी बसाने के लिए खास गश्त चलनी चाहिए, ताकि टूरिस्ट खुद को सिक्योर महसूस करें।
रात के समय मेहताब बाग में मुगलकालीन संगीत की धुन और अगरा किला के लाइट-एंड-साउंड शो से ऐसा माहौल बनेगा कि पर्यटक कहेंगे—“एक दिन से ज्यादा ठहरना तो बनता है”! साथ ही, मुगलई, अवधी-वैश्विक खानों के उत्सव से स्वाद भी जागेगा।
तो फ़तेहपुर सीकरी और आगरा किले को भी रिज़र्व टिकट खोलना होगा। सूर सरोवर बर्ड सैंक्चुअरी, जहां 165 से ज्यादा प्रवासी पक्षी आते हैं, 2024 में किया गया नवीनीकरण 30% ज्यादा पर्यटक बुला रहा है। और हां, वाइल्डलाइफ SOS का बियर रेस्क्यू सेंटर और जॉन हेसिंग की कब्र भी “ऑफ़बीट” स्पॉट्स में शुमार हैं, जिनकी सोशल मीडिया पर काफी चर्चा होनी चाहिए।
अगरा मेट्रो अब दिसंबर 2025 तक चालू होने की उम्मीद है। 14 किलोमीटर लंबी यह लाइन रोजाना 50,000 लोगों की ‘सैर सपाटा’ को आसान बनाएगी।
एयरपोर्ट का अपग्रेड भी बड़ी बात है—2028 तक 39 लाख से बढ़ाकर 99 लाख सैलानियों को समेट पाएगा। YEIDA का “न्यू अगरा” प्रोजेक्ट भी 8.5 लाख नई नौकरियां लाने जा रहा है।
फिर आ जाता है नया जमाना, जब AI ट्रैफिक सिग्नल्स देखेगा, और AR/VR ऐप्स के सहारे इतिहास को नया डिजिटल रंग मिलेगा। गोवा, दुबई और सिंगापुर से फ्लाइट्स बढ़ें तो विदेशी पर्यटकों की भी संख्या दोगुनी हो सकती है।
पिछले साल तो लगभग आठ मिलियन सैलानियों ने इस शहर का दरवाजा खटखटाया। 2025 में जीएसटी की राहत और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार से ये संख्या और बढ़ेगी, जिससे पर्यटन से होने वाली आमदनी में 25% तक का इजाफा हो सकता है।
आगरा अब सिर्फ ताजमहल का शहर नहीं रहा, बल्कि एक ऐसा टूरिस्ट हब बनने जा रहा है, जहां इतिहास भी दिखेगा, और भविष्य भी चमकेगा। यहाँ के ऐतिहासिक मकबरे और किले अब डिजिटल इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रांसफॉर्मेशन की नई कहानी लिख रहे हैं। सरकारी आँकड़ों में गड़बड़ी के बावजूद , आगरा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 978 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, लेकिन अब YEIDA (यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) की महत्वाकांक्षी “न्यू आगरा” योजना शहर को एक नया रूप देने जा रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत 14.6 लाख लोगों के लिए आवास और 8.5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे । अगर ये सब ठीक से हुआ, तो लाखों स्थानीय लोगों की जिंदगी सीधे फायदा उठाती नजर आएगी। यूं तो आगरा कहने को तो हजार साल पुराना है, पर अब वो स्मार्ट सिटी बनने की रेस में भी सबसे आगे है।