आगरा: थाना जगदीशपुरा में उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब एक अधिवक्ता अपनी FIR दर्ज न होने से नाराज होकर थाने में ही धरने पर बैठ गए। अधिवक्ता का आरोप था कि कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद उनकी FIR दर्ज नहीं की जा रही है और थाने के मुंशी ने उनसे अभद्र व्यवहार किया। अधिवक्ता के धरने पर बैठने और मामले के तूल पकड़ने के बाद आखिरकार पुलिस ने उनकी FIR दर्ज की।
अधिवक्ता विवेक शर्मा, जो सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं, ने बताया कि उन्होंने एक FIR दर्ज कराने के लिए 29 अप्रैल को कोर्ट से आदेश प्राप्त किया था। कोर्ट के इस आदेश को लेकर वे पिछले 14 दिनों से जगदीशपुरा थाने के चक्कर काट रहे थे, लेकिन उनकी FIR दर्ज नहीं की जा रही थी।
विवेक शर्मा ने आरोप लगाया कि 12 मई को जब वे FIR दर्ज कराने के लिए थाने गए, तो वहां ड्यूटी पर बैठे मुंशी ने उनसे अभद्रता की। मुंशी का कहना था कि इस मामले में कोई FIR नहीं बनती और यदि ज्यादा हुआ तो केवल एक ही धारा में FIR दर्ज की जाएगी। जब अधिवक्ता ने मुंशी को यह याद दिलाया कि उसे धाराओं को घटाने या बढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है और यह कार्य विवेचक का है, तो मुंशी और भी अभद्र हो गया।
अपनी FIR दर्ज न होने और थाने के कर्मचारी के दुर्व्यवहार से क्षुब्ध होकर अधिवक्ता विवेक शर्मा थाने में ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भले ही थानों में आने वाले लोगों के साथ सौम्य व्यवहार करने की बात कहते हों, लेकिन आगरा के मॉडल थाने जगदीशपुरा में इसके विपरीत व्यवहार हो रहा है। उनके धरने पर बैठने और इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आखिरकार थाना प्रभारी ने उनकी FIR दर्ज करवाई।
अधिवक्ता विवेक शर्मा ने यह भी जानकारी दी कि उनकी शिकायत विक्टोरिया इंटर कॉलेज के फर्जी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने से संबंधित है। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर मनोज शर्मा, सौरभ प्रकाश शर्मा, गौरव कुमार, शलभ शर्मा, डॉ. सत्यप्रकाश शर्मा, अरुण शर्मा, अशोक कुमार शर्मा और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ कई धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है।