उत्तर प्रदेश के एटा जिले में एक दर्दनाक घटना सामने आई, जहां शिव मंदिर के बाहर पूजा कर रहे एक किसान पर एक सांड ने हमला कर दिया। किसान, जिसकी उम्र 57 वर्ष है, गंभीर रूप से घायल हो गया। यह घटना उस समय हुई जब वह सुबह अपने घर के पास स्थित मंदिर में शिवलिंग के सामने माथा टेककर प्रार्थना कर रहा था। सांड ने अचानक पीछे से आकर किसान को उठाकर जमीन पर पटक दिया और बार-बार हमला किया।
घटना का विवरण
एटा के नयागांव थाना क्षेत्र के खरसुलिया गांव में यह घटना घटी। घायल व्यक्ति का नाम कृष्ण प्रताप है, जो रोजाना की तरह सुबह पूजा के लिए मंदिर गए थे। सांड ने पहले उनके सिर पर जोरदार टक्कर मारी और फिर शरीर के अन्य हिस्सों पर लगातार हमला किया। इस हमले से कृष्ण प्रताप के सिर, छाती और जांघ में गंभीर चोटें आईं। सांड के हमले से वह लहूलुहान हो गए।
बचाव और चिकित्सा
कृष्ण प्रताप की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े। उन्होंने सांड को भगाकर घायल किसान को बचाया। परिजन और ग्रामीणों ने कृष्ण प्रताप को तुरंत अलीगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, सिर और छाती पर लगी चोटें गहरी हैं, जिनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। सांडों के हमले की यह पहली घटना नहीं है। कई बार ये आवारा पशु लोगों को घायल कर चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
प्रशासन से उम्मीद
ग्रामीणों का कहना है कि आवारा पशु न केवल जान-माल का नुकसान कर रहे हैं, बल्कि खेतों में भी फसल को बर्बाद कर देते हैं। इस समस्या को लेकर कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है और घायल किसान के इलाज में सहायता का भरोसा दिलाया है।
समाधान की जरूरत
यह घटना आवारा पशुओं से संबंधित एक बड़ी समस्या को उजागर करती है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग सांडों और गायों के हमलों से भयभीत हैं। इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन को गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। आवारा पशुओं के लिए विशेष आश्रय गृह बनाना और उनकी देखभाल के लिए योजनाएं लागू करना बेहद जरूरी है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
निष्कर्ष
कृष्ण प्रताप पर हुए इस हमले ने आवारा पशुओं से जुड़ी समस्या की गंभीरता को फिर से सामने लाया है। स्थानीय प्रशासन और सरकार को इस दिशा में त्वरित और ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि ग्रामीण सुरक्षित महसूस कर सकें और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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