समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में हुई हिंसा के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। यह हिंसा मुगलकालीन जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान भड़की, जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए। यादव ने इस घटना को प्रशासन और भाजपा की साजिश बताते हुए कहा कि यह जनता का ध्यान चुनावी मुद्दों से भटकाने की चाल है। उन्होंने प्रशासन पर निष्पक्षता से काम न करने और उपचुनाव में धांधली के आरोप लगाए।
घटना का विवरण
रविवार को अदालत के आदेश पर मस्जिद का सर्वेक्षण किया जा रहा था, जो कि एक विवादास्पद कानूनी लड़ाई का हिस्सा है। इसे लेकर स्थानीय निवासियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं। तनाव इतना बढ़ा कि पुलिस को बल प्रयोग और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि जब पहले ही एक सर्वेक्षण हो चुका था, तो दोबारा इसकी आवश्यकता क्यों पड़ी। उन्होंने इसे प्रशासन की “भावनाएं भड़काने की चाल” बताया।
अखिलेश यादव का आरोप
अखिलेश ने कहा कि भाजपा ने यह साजिश चुनावी नतीजों से ध्यान भटकाने के लिए रची। उन्होंने उपचुनावों में भाजपा की जीत पर सवाल उठाए और प्रशासन पर निष्पक्षता से काम न करने का आरोप लगाया। समाजवादी पार्टी ने उपचुनावों में केवल दो सीटें जीतीं, जबकि भाजपा और उसके सहयोगियों ने सात सीटों पर कब्जा किया। यादव ने कहा कि इस तरह की घटनाएं लोकतंत्र को कमजोर करती हैं और समाज में तनाव बढ़ाती हैं।
चेतावनी और मांग
अखिलेश ने राज्य सरकार से इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने बिना दोनों पक्षों की बात सुने लिए गए फैसलों की आलोचना की। साथ ही, अपने समर्थकों से संयम बनाए रखने और लोकतांत्रिक ढंग से आवाज उठाने का आह्वान किया।
राजनीतिक नतीजे
यह घटना उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म देती है। भाजपा और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं, यह देखना महत्वपूर्ण होगा। वहीं, अखिलेश यादव के आरोपों ने राज्य में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा दिया है।