संरक्षित स्मारक “मुबारक महल” पर खतरा: पुरातत्व विभाग पर सवाल
आगरा के बेलनगंज क्षेत्र में यमुना नदी के पास स्थित मुबारक महल, जो हाल ही में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किया गया था, अब तोड़फोड़ और बिल्डर लॉबी के लालच का शिकार हो रहा है।
घटनाक्रम का विवरण
- तोड़फोड़ जारी: संरक्षित स्मारक को नियमों की अनदेखी करते हुए ध्वस्त किया जा रहा है। पुराने सैटेलाइट चित्र और स्थानीय रिपोर्ट इस ऐतिहासिक इमारत की पहचान को प्रमाणित करते हैं।
- मलबे का हटाया जाना: ट्रैक्टरों के माध्यम से मलबे को हटाकर जगह खाली की जा रही है, जिससे बिल्डर द्वारा नई इमारत बनाने का रास्ता साफ हो सके।
- नियमों का उल्लंघन: एएसआई के निर्देशों के अनुसार, किसी संरक्षित स्मारक के 100 मीटर के दायरे में किसी भी प्रकार के निर्माण के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है। बावजूद इसके, इन नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।
एएसआई और प्रशासन पर सवाल
- कुंभकर्णी नींद: स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायतों के बावजूद एएसआई और प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया है।
- बिल्डर का प्रभाव: आरोप है कि बिल्डर के पैसे और प्रभाव के आगे पुरातत्व विभाग और स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।
कपिल बाजपेई का बयान
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता कपिल बाजपेई ने इस मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि प्रशासन और एएसआई की निष्क्रियता से संरक्षित धरोहरों का अस्तित्व खतरे में है। उन्होंने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
विरासत संरक्षण का महत्व
मुबारक महल जैसे स्मारक केवल इमारतें नहीं हैं; वे हमारे इतिहास और संस्कृति की पहचान हैं। उनकी रक्षा करना प्रशासन और समाज की साझा जिम्मेदारी है।
संभव समाधान
- तत्काल कार्रवाई: प्रशासन और एएसआई को तुरंत मौके पर पहुंचकर ध्वस्तीकरण रोकना चाहिए।
- जांच समिति का गठन: दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
- स्थानीय जागरूकता: नागरिकों को अपनी विरासत के महत्व को समझने और इसकी रक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया जाए।
समाज का आह्वान
ऐतिहासिक धरोहरें हमारे अतीत की अनमोल धरोहर हैं। इन्हें नष्ट करना न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए उनके इतिहास को समझने के अवसर भी छीन लेता है। प्रशासन और नागरिकों को मिलकर ऐसे मामलों में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।