लखनऊ, 18 नवंबर: झांसी मेडिकल कॉलेज में हाल ही में हुई अग्निकांड की घटना को देखते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्था मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।
प्रमुख निर्देश:
- मॉक ड्रिल और उपकरणों की जांच: सभी अस्पतालों में समय-समय पर मॉक ड्रिल कराई जाए और अग्निशमन उपकरणों की नियमित जांच हो।
- आग से सुरक्षा के उपाय: इलैक्ट्रिक वायरिंग, फायर हाइड्रेंट पाइप और इमरजेंसी बैटरी लाइट्स की नियमित जांच की जाए।
- प्रशिक्षित कर्मचारियों की तैनाती: आईसीयू, एनआईसीयू और अन्य संवेदनशील वार्डों में अग्निशमन विभाग द्वारा प्रशिक्षित कर्मचारियों की शिफ्ट आधारित ड्यूटी लगाई जाए।
- कबाड़ का निस्तारण: अस्पताल परिसर में स्क्रैप नहीं रहना चाहिए, और इसे तुरंत हटाया जाए।
- प्राइवेट अस्पतालों की भागीदारी: निजी अस्पतालों में भी फायर सेफ्टी ऑडिट और मॉक ड्रिल की प्रक्रिया अपनाई जाए।
सीएचसी-पीएचसी में भी फायर सेफ्टी के साधन:
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिला स्तरीय अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ सीएचसी और पीएचसी स्तर पर भी अग्निशमन के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने चाहिए। उन्होंने अस्पतालों को फायर अलार्म और आपातकालीन उपायों के लिए सूचना पट लगाने के निर्देश दिए।
सरकार की प्राथमिकता:
डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता आमजन को मुफ्त और उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है। किसी भी स्तर पर कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे और अग्निशमन सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने की प्रतिबद्धता जताई गई।