बेंगलुरु के कुमारस्वामी लेआउट इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। 14 वर्षीय बेटे तेजस की उसके पिता रवि कुमार ने क्रूरता से हत्या कर दी। यह घटना बच्चों में मोबाइल की बढ़ती लत और माता-पिता के संघर्ष को उजागर करती है, लेकिन इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।
क्या हुआ था?
रवि कुमार, जो पेशे से बढ़ई हैं, अपने बेटे तेजस की मोबाइल की लत और पढ़ाई में रुचि न लेने को लेकर परेशान थे। घटना के दिन मोबाइल रिपेयर कराने को लेकर बहस हुई, जिसके बाद रवि ने अपने गुस्से पर काबू खो दिया।
- पहले, उन्होंने क्रिकेट के बल्ले से तेजस को पीटा।
- फिर, दीवार पर उसका सिर पटक दिया।
- रवि ने बेटे से कहा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता कि तुम जियो या मरो।”
सुबह 8 बजे से तेजस दर्द से तड़पता रहा और दोपहर 2 बजे उसकी मौत हो गई।
हत्या को छिपाने की कोशिश
पुलिस को सूचना मिली कि परिवार अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहा है। जब पुलिस पहुंची, तो तेजस की अर्थी तैयार थी। पोस्टमार्टम से खुलासा हुआ कि तेजस के सिर पर गंभीर चोटें थीं और शरीर पर कई घाव थे, जो उसकी दर्दनाक मौत को बयां करते हैं।
मनोवैज्ञानिक पहलू
इस घटना ने समाज में बच्चों की परवरिश और उनकी आदतों को संभालने के तरीकों पर गहरी चर्चा छेड़ दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि माता-पिता को गुस्से की बजाय बच्चों से संवाद बढ़ाना चाहिए और उनकी आदतों को समझने का प्रयास करना चाहिए।
यह घटना बच्चों की परवरिश और डिजिटल युग की चुनौतियों पर पुनर्विचार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।