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ओला की सवारी नहीं रही अब सुरक्षित, परिजनों की सजगता से अपहरण का प्रयास विफल

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11 अक्टूबर 2024 आगरा 

आज लोग अपने परिजनों की सुरक्षित यात्रा के लिए दो पैसे ज्यादा देकर ओला जैसी दूसरी कंपनी की गाड़ियों से सवारी करते हैं। दावा यह किया जाता है कि यह गाड़ियां दिए हुए मैप पर चलती हैं जिसकी मॉनिटरिंग इनके कंट्रोल रूम द्वारा होती रहती है। यही नहीं किराया भी मैप के अनुसार ही बताया जाता है।  

आज की घटना ने इन कंपनियों की और महिलाओं की सुरक्षा संबंधी मापदंडों की पोल खोल कर रख दी है।

यदि प्रियाकांक्षा सिंह के परिजन सतर्क नहीं होते तो आज कुछ भी अनहोनी हो सकती थी।  

अभिमन्यु सिंह बताते हैं कि आज शाम लगभग 6:15 बजे उनकी भाभी प्रियाकांक्षा सिंह को अशोक कॉसमॉस माल में एक बर्थडे पार्टी में जाना था और बीच रास्ते में उनको शंकर ग्रीन से अपनी सहेली को पिकअप करना था। इसलिए उन्होंने शाम 6:19 पर ओला से एक राइड बुक की जिसमें शंकर ग्रीन स्टॉपेज था जहां से प्रियाकांक्षा को अपनी फ्रेंड को लेना था और डेस्टिनेशन अशोक कॉसमॉस मॉल था।

अभिमन्यु सिंह आदतन सतर्क रहते हैं और इसी वजह से वह अपने मोबाइल से गाड़ी की लोकेशन देख रहे थे। यहां यह बताना आपको जरूरी है क्योंकि यह राइड अभिमन्यु सिंह के फोन से ही बुक की गई थी इसलिए वह उसे गाड़ी की लोकेशन को देख पा रहे थे। अचानक उन्हें लगा की गाड़ी दूसरे रास्तों पर जा रही है उन्होंने तुरंत प्रियाकांक्षा सिंह को फोन किया और कहा कि यह गाड़ी गलत दिशा में जा रही है मेरी ड्राइवर से बात कराओ। ड्राइवर से काफी बात करने के बाद भी वह गाड़ी को लखनऊ एक्सप्रेसवे की तरफ ले उड़ा।

इतनी देर में अभिमन्यु सिंह फोन पर बात करते-करते अपनी गाड़ी से उसे गाड़ी के पीछे पहुंचे और एक्सप्रेस वे से 50 कदम पहले ओला गाड़ी को रोक लिया। जब पूछा गया कि शंकर ग्रीन जाना था और तुम कौन से रास्ते से जा रहे हो तो ओला ड्राइवर पंकज बघेल ने कहा कि मैं नया आया हूं इसलिए मुझे पता नहीं है। जब अभिमन्यु सिंह ने यह कहा कि ओला की सर्विसेज तो मैप पर चलती है तो तुम्हें मैप के सहारे चलना था तो अपनी मर्जी से कहां ले जा रहे थे। इतनी देर में आनन-फानन में प्रियाकांक्षा सिंह अपने पुत्र हनु सिंह को लेकर गाड़ी से उतर पड़ी, उनकी स्थिति काफी नाजुक थी। घबराहट में वह कुछ भी बात नहीं पा रही थी, उन्होंने ने बताया की उनके बार बार टोकने पर भी ड्राइवर गाड़ी को सही रास्ते पर नहीं ले जा रहा था अकस्मात वहां से गुजरती पुलिस की जीप रुकी जिसमें दो सब इंस्पेक्टर थे। उन्होंने गाड़ी के फोटोग्राफ्स वगैरा लिए और यह भी बताया कि पिछले चार-पांच दिन से अनजान रास्तों पर ऐसे ही लेकर यह गाड़ियां जाने की शिकायतें आ रही है। 

आपको बताते चले कि महिला सुरक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस काफी सजगता के दावे करती है परंतु ओला जैसी नामचीन कंपनियां जिन पर आम परिवार भरोसा कर अपने परिजनों को भेजते हैं अगर उनसे ऐसी गलती होती है तो यह किसी दिन बहुत बड़ी घटना का रूप ले सकती है। यह तो अच्छा हुआ कि इस घटना में राइड बुकिंग दूसरे नंबर से की गई थी, इसलिए वह लोकेशन पता चल गई अन्यथा अगर सवारी के फोन से राइड बुक की जाती तो वह फोन भी गाड़ी में ही होता और पता भी नहीं चलता की गाड़ी कहां चली गई।

उपरोक्त घटना के संदर्भ मे ओला ने ड्राइवर पंकज बघेल को सस्पेंड कर दिया है।

खबर अपडेट की जा रही है

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