
अमरोहा, बुधवार, 3 सितम्बर 2025, रात 9:07 बजे IST
उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पारिवारिक संबंधों की संवेदनशीलता और सामाजिक ताने-बाने को झकझोर कर रख दिया है। रजबपुर थाना क्षेत्र के आरिफपुर माफी गांव में बुधवार सुबह एक युवक ने अपनी ही बहन की बेरहमी से हत्या कर दी। कारण — टंकी से गेहूं निकालने को लेकर हुआ मामूली विवाद।

सुबह का सन्नाटा, घर का बरामदा और एक खौफनाक वारदात
गांव के दिवंगत हरि सिंह का परिवार — पत्नी अनीता देवी, बेटे भूपेंद्र और पुष्पेंद्र, और बेटी रेखा — मंगलवार रात घर के बरामदे में सोया हुआ था। बुधवार सुबह करीब पांच बजे पुष्पेंद्र टंकी से गेहूं निकालने लगा। रेखा और अनीता ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन पुष्पेंद्र भड़क गया।
उसने कहा कि वह गेहूं निकालकर बेचना चाहता है। रेखा ने दोबारा विरोध किया तो पुष्पेंद्र ने घर में रखा गंडासा उठाया और रेखा पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। गर्दन पर वार इतना गहरा था कि रेखा की मौके पर ही मौत हो गई।
हत्या के बाद भागा आरोपी, गन्ने के खेत से गिरफ्तार
वारदात को अंजाम देने के बाद पुष्पेंद्र गंडासा फेंककर भाग गया। गांव में अफरा-तफरी मच गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गांव के पास ही गन्ने के खेत से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने मौके से खून से सना गंडासा भी बरामद कर लिया है।
एएसपी अखिलेश भदोरिया और सीओ सिटी शक्ति सिंह ने घटनास्थल का मुआयना किया। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
पारिवारिक संपत्ति विवाद की पृष्ठभूमि
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पुष्पेंद्र टंकी से गेहूं निकालकर बेचने की योजना बना रहा था। परिवार के अन्य सदस्य इस निर्णय के खिलाफ थे। रेखा ने विरोध किया तो विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। यह घटना पारिवारिक संपत्ति के बंटवारे और अधिकार को लेकर चल रहे तनाव का परिणाम मानी जा रही है।
गांव के लोगों का कहना है कि पुष्पेंद्र पिछले कुछ समय से मानसिक रूप से अस्थिर व्यवहार कर रहा था। वह अक्सर घर में विवाद करता था और संपत्ति को लेकर असंतोष जताता था।
सामाजिक प्रतिक्रिया और स्तब्धता
घटना के बाद गांव में शोक और स्तब्धता का माहौल है। ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर जमा हो गई। लोगों ने कहा कि रेखा एक शांत और समझदार लड़की थी, जो परिवार को जोड़कर रखने की कोशिश करती थी। उसकी हत्या ने पूरे गांव को हिला दिया है।
स्थानीय महिला संगठन और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना को “पारिवारिक हिंसा की चरम सीमा” बताया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक परामर्श को प्राथमिकता दी जाए।
पुलिस की कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया
भूपेंद्र की तहरीर पर पुलिस ने पुष्पेंद्र के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
एएसपी अखिलेश भदोरिया ने कहा, “यह एक अत्यंत दुखद और गंभीर मामला है। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं।”
आगे की दिशा
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक चेतावनी है — कि पारिवारिक तनाव, संपत्ति विवाद और मानसिक अस्थिरता अगर समय रहते न सुलझाए जाएं, तो वे हिंसा का रूप ले सकते हैं। प्रशासन, समाज और परिवार — सभी को मिलकर ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए काम करना होगा।