नई दिल्ली/वाशिंगटन डी.सी., 15 मई 2025:
आतंकवाद के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और पाकिस्तान को पहुंचे भारी नुकसान को लेकर अब अंतरराष्ट्रीय मीडिया भी पाकिस्तान के झूठे दावों का पर्दाफाश कर रहा है। भारत से करारी हार और सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों के बाद भी पाकिस्तान ने दुनिया भर में यह झूठा प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की थी कि उसे कोई खास नुकसान नहीं पहुंचा, लेकिन भारत ने ठोस सबूतों के साथ पाकिस्तान को बेनकाब किया था। अब इस कड़ी में पहले न्यूयॉर्क टाइम्स और ताजा रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के प्रतिष्ठित अखबार वॉशिंगटन पोस्ट ने भी पाकिस्तान के नापाक दावों और झूठे चेहरे को उजागर कर दिया है।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट: कम से कम 6 एयरबेस तबाह
वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी एक विस्तृत रिपोर्ट में बताया है कि [रविवार] को पाकिस्तान के अंदरूनी हिस्सों में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हमलों में पाकिस्तान के कम से कम छह एयरबेस (हवाई ठिकानों) पर रनवे और अन्य महत्वपूर्ण सैन्य संरचनाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा है। अखबार ने विभिन्न सैन्य और सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से बताया कि भारत और पाकिस्तान जैसे परमाणु शक्ति संपन्न प्रतिद्वंद्वी देशों के बीच दशकों से चल रहे संघर्ष में यह अपनी तरह का सबसे महत्वपूर्ण और निर्णायक हमला था।
सैटेलाइट इमेजों और वीडियो से हुई पुष्टि
वॉशिंगटन पोस्ट की यह रिपोर्ट केवल दावों पर आधारित नहीं है, बल्कि दो दर्जन से अधिक उच्च-रिज़ॉल्यूशन वाली सैटेलाइट इमेजों (उपग्रह चित्रों) और हमलों के बाद के वीडियो की गहन समीक्षा पर आधारित है। इस समीक्षा में स्पष्ट रूप से पाया गया कि भारतीय हमलों में पाकिस्तान वायुसेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कम से कम तीन हैंगर (विमान रखने के शेड), दो रनवे (जिनका उपयोग हवाई जहाज उड़ान भरने या उतरने के लिए करते हैं) और दो मोबाइल इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की ओर से किए गए ये सटीक प्रहार पाकिस्तान के अंदर सीमा से लगभग 100 मील (करीब 160 किलोमीटर) के दायरे में किए गए थे।
विशेषज्ञों का विश्लेषण: 1971 के बाद सबसे बड़ा हमला
इस हमले की गंभीरता पर किंग्स कॉलेज लंदन में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के वरिष्ठ व्याख्याता और दक्षिण एशियाई सुरक्षा मुद्दों के विशेषज्ञ वाल्टर लैडविग ने वॉशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए कहा कि ये हमले 1971 के युद्ध के बाद से पाकिस्तानी सैन्य ढांचे पर किए गए सबसे बड़े पैमाने के भारतीय हवाई हमले थे। ‘कॉन्टेस्टेड ग्राउंड’ नामक एक शोध परियोजना जो सशस्त्र टकरावों को ट्रैक करने के लिए उपग्रह इमेजरी का उपयोग करती है, के भू-स्थानिक विश्लेषक विलियम गुडहिंड ने कहा कि ये हमले बेहद सटीक थे। उन्होंने पाकिस्तान की आक्रामक और रक्षात्मक हवाई क्षमताओं को गंभीर रूप से चोट पहुंचाने और उन्हें कमजोर करने के उच्च-प्रोफाइल लक्ष्यों को निशाना बनाया।
हालांकि, मिडिलबरी कॉलेज में पूर्वी एशिया अप्रसार कार्यक्रम के निदेशक जेफरी लुईस ने वॉशिंगटन पोस्ट से बात करते हुए एक अलग आकलन दिया। उन्होंने कहा कि हवाई ठिकानों को कुछ नुकसान निश्चित रूप से हुआ है, लेकिन शायद इतना नहीं कि वे पूरी तरह से काम करने की हालत में ही न बचे हों।
पाकिस्तान का झूठ बेनकाब, भारत की कार्रवाई नापाजोखी
पाकिस्तान ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई के बाद दुनिया भर में यह झूठ फैलाने की कोशिश की थी कि उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा है, जो वॉशिंगटन पोस्ट सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मीडिया रिपोर्टों और सैटेलाइट इमेजरी द्वारा अब पूरी तरह से गलत साबित हो रहा है। भारत ने पाकिस्तान के आक्रामक और बेतुके हमलों के बाद यह जवाबी कार्रवाई की थी और दावा किया था कि उसने पाकिस्तान में 14 सैन्य ठिकानों पर हमला किया है, जिसमें वे स्थान भी शामिल हैं जहां वॉशिंगटन पोस्ट ने नुकसान की पुष्टि की है। भारत ने अपनी कार्रवाई को नापाजोखा (measured), सुनियोजित (planned) और आतंकवाद के खिलाफ एक आवश्यक कदम बताया था।
वॉशिंगटन पोस्ट जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान की रिपोर्ट से पाकिस्तान के झूठे दावों और प्रोपेगेंडा का पर्दाफाश हुआ है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता तथा भारत की जवाबी कार्रवाई की विश्वसनीयता को और बल मिला है। यह रिपोर्ट दिखाती है कि भारत अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने में सक्षम है और उसके पास ऐसी सैन्य क्षमता है जो पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को नुकसान पहुंचा सकती है।