अमृतसर/फिरोजपुर, 14 मई 2025:
भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर अनजाने में हुई एक घुसपैठ के बाद एक राहत भरी खबर सामने आई है। पाकिस्तान ने भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक कॉन्स्टेबल पूनम कुमार शॉ को भारत को वापस सौंप दिया है। कॉन्स्टेबल पूनम शॉ लगभग तीन सप्ताह पहले पंजाब के फिरोजपुर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) को गलती से पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जिसके बाद उन्हें वहां पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था।
यह घटना बीते 23 अप्रैल की है। 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूनम कुमार शॉ फिरोजपुर सेक्टर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास एक खेत के पास अपनी नियमित ड्यूटी पर तैनात थे। ड्यूटी के दौरान, अनजाने में वे भारतीय सीमा पर लगी बाड़ को पार कर गए और गलती से पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश कर गए। सीमा पार करते ही पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें देख लिया और तुरंत हिरासत में ले लिया।
कॉन्स्टेबल के पाकिस्तान द्वारा पकड़े जाने की जानकारी मिलते ही बीएसएफ अधिकारियों ने तत्काल पाकिस्तान रेंजर्स से संपर्क साधा और प्रोटोकॉल के तहत जवान की वापसी के लिए बातचीत शुरू की। दोनों देशों के सीमा बलों के बीच फ्लैग मीटिंग और अन्य औपचारिकताओं के बाद, पाकिस्तान ने सद्भावना दिखाते हुए कॉन्स्टेबल पूनम कुमार शॉ को वापस भारत को सौंपने का निर्णय लिया।
बुधवार, 14 मई 2025 को, कॉन्स्टेबल पूनम कुमार शॉ को पंजाब के अटारी सीमा पर पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा भारतीय अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया। बीएसएफ और भारतीय अधिकारी जवान की सुरक्षित वापसी से खुश हैं।
कुछ सैन्य विश्लेषकों और राजनीतिक गलियारों में इस घटनाक्रम को हाल ही में पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता और उसके बाद पाकिस्तान पर पड़े दबाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है। यह माना जा रहा है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान थोड़ा बैकफुट पर है, जिसके चलते उसने इस मामले में नरमी दिखाई और जवान को जल्द वापस लौटा दिया। हालांकि, यह भी एक सामान्य प्रक्रिया है कि अनजाने में सीमा पार करने वाले सैनिकों या नागरिकों को पूछताछ के बाद मानवीय आधार पर वापस भेज दिया जाता है। कॉन्स्टेबल पूनम कुमार शॉ की वतन वापसी उनके परिवार के लिए एक बड़ी राहत है।