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बलूचिस्तान में ट्रेन हाईजैक: सोने की चिड़िया और चीन का कनेक्शन

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बलूचिस्तान: पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया है। इस घटना ने शहबाज सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। बलूचिस्तान को सोने की चिड़िया कहा जाता है क्योंकि यहां मिनरल्स के रूप में अकूत खजाना है। बीएलए का मकसद बलूचिस्तान की आजादी है और वे पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं।

बीएलए का मकसद और चीन का कनेक्शन

बीएलए का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती है और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों का हनन करती है। अब बलूचिस्तान की जमीन पर चीन के भी कदम पड़ चुके हैं। चीन ने बलूचिस्तान में भारी निवेश किया है, जिससे बलोच नाराज हैं। बलूचिस्तान के ग्वादर में चीनी निवेश और सुरक्षा के लिए सैन्य उपस्थिति बढ़ाई गई है। चीन ने यहां न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भी बनाया है, जो पाकिस्तान का सबसे महंगा एयरपोर्ट है।

बलूचिस्तान में चीन का निवेश और उसकी बढ़ती उपस्थिति बलोच लोगों के लिए चिंता का विषय है। बलोचिस्तान के खनिज-पदार्थों पर चीन की नजर है और वह पाकिस्तान को कर्ज के जाल में फंसाकर बलूचिस्तान का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहता है। यही बात बलोचों और बीएलए को नागवार गुजर रही है। बलोच चाहते हैं कि बलूचिस्तान एक स्वतंत्र देश रहे और उनकी जमीन पर न तो पाक और न ही चीन का हस्तक्षेप हो। इसी नाराजगी की वजह से बीएलए ने पाकिस्तानी ट्रेन को हाईजैक किया है।

बलोचों की नाराजगी

पाकिस्तान ने चीन को बलूचिस्तान में 5000 एकड़ जमीन दी है, जिससे बलोच नाराज हैं। बलोच लोगों का कहना है कि इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ और बाहरी लोगों को ही नौकरी-रोजगार मिला। बीएलए ने पाकिस्तान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और ट्रेन हाईजैक इसी का हिस्सा है। बलोच विद्रोहियों का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती है और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों का हनन करती है। अब बलूचिस्तान की जमीन पर चीन के भी कदम पड़ चुके हैं। इस इलाके में चीन का बहुत बड़ा निवेश है। इसलिए बलूचिस्तान के ग्वादर में चीनी निवेश और सुरक्षा के लिए सैन्य उपस्थिति बढ़ाई गई है। बलूचिस्तान में चीन ने अपने लिए एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया है। नाम है- न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट। न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पाकिस्तान का सबसे महंगा एयरपोर्ट है। इसे चीन ने 24 करोड़ डॉलर की लागत से बनाया है। यह अक्टूबर 2024 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन अभी चालू नहीं हुआ।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने चीन को बलूचिस्तान इलाके में 5 हजार एकड़ जमीन भी दे दी है। पाकिस्तान सरकार ने बीते दिनों ही दक्षिणी बलूचिस्तान में चीन की सेना को 5000 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित किया। हालांकि इसके बदले पाकिस्तान ने चीन से उसे पूरे क्षेत्र का विकास करने का करार किया है। मगर यह सब ढकोसला है। यह बात बलोची लोग अच्छे से जान गए हैं। जब न्यू ग्वादर एयरपोर्ट बना तब भी यही कहा गया कि इससे बलूचिस्तान के लोगों को फायदा होगा। नौकरी मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। यहां बाहरी लोगों को ही नौकरी-रोजगार मिला। इससे बलोच लोगों में खूब नाराजगी है। बीएलए को भी इन बातों का गुस्सा है। यही वजह है कि अब बीएलए पाकिस्तान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को भी जेल में बंद कर दिया गया है। बीएलए उनकी रिहाई की मांग कर रही है। इस कारण ही उसने ट्रेन को हाईजैक किया है।

बलूचिस्तान का महत्व

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और इसमें तेल, गैस और खनिज संसाधनों के बड़े भंडार हैं। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। पाक सरकार का दावा है कि यह परियोजना पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी। मगर बलोचों का कहना है कि इससे उनकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं होगा। बलूचिस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व वैसा नहीं है, जितने के वे हकदार हैं। यही वजह है कि यहां सालों से आजादी की लड़ाई चल रही है।

बीएलए का क्या है मकसद

ट्रेन पर जिस ग्रुप ने कब्जा किया है, वह है बीएलए। बीएलए का मकसद है बलूचिस्तान को पाकिस्तान से आजाद कराना। बलोच विद्रोहियों का कहना कि पाकिस्तानी सरकार बलूचिस्तान के विशाल प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती है और क्षेत्र में गंभीर मानवाधिकारों के हनन करती है। अब बलूचिस्तान की जमीन पर चीन के भी कदम पड़ चुके हैं। इस इलाके में चीन का बहुत बड़ा निवेश है। इसलिए बलूचिस्तान के ग्वादर में चीनी निवेश और सुरक्षा के लिए सैन्य उपस्थिति बढ़ाई गई है। बलूचिस्तान में चीन ने अपने लिए एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाया है। नाम है- न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट। न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पाकिस्तान का सबसे महंगा एयरपोर्ट है। इसे चीन ने 24 करोड़ डॉलर की लागत से बनाया है। यह अक्टूबर 2024 में बनकर तैयार हुआ, लेकिन अभी चालू नहीं हुआ।

इतना ही नहीं, पाकिस्तान ने चीन को बलूचिस्तान इलाके में 5 हजार एकड़ जमीन भी दे दी है। पाकिस्तान सरकार ने बीते दिनों ही दक्षिणी बलूचिस्तान में चीन की सेना को 5000 एकड़ से अधिक जमीन आवंटित किया। हालांकि इसके बदले पाकिस्तान ने चीन से उसे पूरे क्षेत्र का विकास करने का करार किया है। मगर यह सब ढकोसला है। यह बात बलोची लोग अच्छे से जान गए हैं। जब न्यू ग्वादर एयरपोर्ट बना तब भी यही कहा गया कि इससे बलूचिस्तान के लोगों को फायदा होगा। नौकरी मिलेगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मगर ऐसा नहीं हुआ। यहां बाहरी लोगों को ही नौकरी-रोजगार मिला। इससे बलोच लोगों में खूब नाराजगी है। बीएलए को भी इन बातों का गुस्सा है। यही वजह है कि अब बीएलए पाकिस्तान सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, पाक सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों को भी जेल में बंद कर दिया गया है। बीएलए उनकी रिहाई की मांग कर रही है। इस कारण ही उसने ट्रेन को हाईजैक किया है।

बलूचिस्तान का चीन कनेक्शन

पाक ने बलूचिस्तान में चीन को न्यू ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने दिया। पाक ने चीन को 5 हजार एकड़ जमीन दी। बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पाक के लिए बलूचिस्तान क्यों अहम अब सवाल है कि पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान इतना अहम क्यों है। तो इसकी सबसे बड़ी वजह है खजाना। जी हां, पाकिस्तान के लिए बलूचिस्तान बहुत अहम है क्योंकि यह देश का सबसे बड़ा प्रांत है। इसमें प्राकृतिक संसाधनों की बहुतायत है। बलूचिस्तान में तेल, गैस और खनिज संसाधनों के बड़े भंडार हैं। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। इतना ही नहीं, बलूचिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए बनाई गई है। पाक सरकार का दावा है कि यह परियोजना पाकिस्तान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर प्रदान करने में मदद करेगी। मगर बलोचों का कहना है कि इससे उनकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं होगा। बलूचिस्तान के लोगों का प्रतिनिधित्व वैसा नहीं है, जितने के वे हकदार हैं। यही वजह है कि यहां सालों से आजादी की लड़ाई चल रही है।

बलूचिस्तान का महत्व

बलूचिस्तान पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है और इसमें तेल, गैस और खनिज संसाधनों के बड़े भंडार हैं। यह पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। बल

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