सिकंदरा: एएसआई की फर्जी एनओसी से होटल निर्माण का मामला उजागर
आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में अकबर के मकबरे के पास एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) की फर्जी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) के जरिए होटल निर्माण का मामला सामने आया है। यह होटल “क्लासिक गोल्ड” के नाम से जाना जाता है, जिसकी अनुमति को लेकर फर्जी दस्तावेजों का खेल सामने आया है।
घटना का विवरण
- फर्जी एनओसी का खेल:
- अकबर के मकबरे के विनियमित क्षेत्र में होटल निर्माण के लिए एएसआई की फर्जी एनओसी का उपयोग किया गया।
- एएसआई ने पिछले चार वर्षों में कई बार आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) को एनओसी की प्रति मांगी, लेकिन कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया।
- शिकायत और जांच:
- सितंबर 2020 में रवि सोलंकी नामक व्यक्ति ने एएसआई से फर्जी एनओसी की शिकायत की।
- एएसआई ने दिसंबर 2020 में जांच समिति गठित की, जिसमें यह बात सामने आई कि होटल निर्माण में फर्जी एनओसी का इस्तेमाल किया गया है।
- समिति की रिपोर्ट:
- मार्च 2021 में जांच रिपोर्ट में कहा गया कि होटल की दूरी अकबर के मकबरे से 170 मीटर है।
- रिकॉर्ड में होटल क्लासिक गोल्ड के नाम से कोई नोटिस या एफआईआर दर्ज नहीं मिली।
- एडीए का असहयोग:
- एडीए ने एनओसी के दस्तावेज नहीं दिए, जिससे जांच प्रभावित हुई।
- एडीए ने होटल पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिससे मामला फाइलों में दबा रहा।
- आरटीआई खुलासा:
- 2020 और 2023 में आरटीआई के जरिए पता चला कि होटल क्लासिक गोल्ड को कोई एनओसी जारी नहीं की गई है।
विशेषज्ञों का बयान
- डा. राजकुमार पटेल, अधीक्षण पुरातत्वविद:
“2010 के एएसआई अधिनियम में संशोधन के बाद विभाग किसी निर्माण या मरम्मत की अनुमति नहीं देता। एनओसी जारी करने का अधिकार मंडलायुक्त कार्यालय का है।”
प्रशासनिक चूक और सवाल
- फर्जी एनओसी के सहारे होटल निर्माण का यह मामला एडीए और एएसआई के बीच असहयोग और प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है।
- इस घटना ने ऐतिहासिक स्मारकों के आसपास की सुरक्षा और संरक्षित क्षेत्र में निर्माण के नियमों पर सवाल खड़े किए हैं।
यह प्रकरण प्रशासनिक स्तर पर सख्त जांच और जवाबदेही की मांग करता है।