आगरा के प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में आयोजित विभव अभिव्यक्ति के अंतर्गत वक्तृत्व की शक्ति प्रतियोगिता ने हिंदी भाषा और अभिव्यक्ति कला को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई मिसाल कायम की। यह प्रतियोगिता स्व. श्री सतीश चंद्र गुप्ता ‘विभव’ की प्रथम पुण्यतिथि (26 दिसंबर) के अवसर पर उनकी स्मृति और हिंदी भाषा के प्रति उनके असीम प्रेम को समर्पित थी।
हिंदी के प्रति विभव का समर्पण
श्री सतीश चंद्र गुप्ता ‘विभव’ हिंदी भाषा के प्रति अपने स्नेह और योगदान के लिए जाने जाते थे। उनके परिवार ने उनकी स्मृति में हिंदी भाषा और वक्तृत्व कला को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से इस प्रतियोगिता का आयोजन प्रतिवर्ष करने का निर्णय लिया है।
प्रतियोगिता का आयोजन और प्रतिभागिता
प्रतियोगिता में आगरा और फिरोजाबाद जिले के 38 विद्यालयों के छात्रों ने भाग लिया। इस वर्ष का विषय “क्या कृत्रिम बुद्धिमत्ता समाज के लिए उचित है?” था। छात्रों ने अपने विचारों को हिंदी में अभिव्यक्त करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ए.आई.) के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने ए.आई. के लाभ, चुनौतियों और इसके सामाजिक प्रभावों पर अपने तर्क प्रस्तुत किए।
प्रतियोगिता के विजेता
प्रतियोगिता में विजेताओं ने अपनी बौद्धिकता और वक्तृत्व कौशल से निर्णायक मंडल को प्रभावित किया। परिणाम इस प्रकार रहे:
- प्रथम स्थान – जसनूर सिंह (प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल)
- द्वितीय स्थान – सिमरन शर्मा (सेंट एंड्रयूज पब्लिक स्कूल, यूनिट-4)
- तृतीय स्थान – यश्वी उपाध्याय (गायत्री पब्लिक स्कूल, शास्त्रीपुरम)
- सांत्वना पुरस्कार (प्रथम) – डौली छापरिया (सेंट एंड्रयूज पब्लिक स्कूल, यूनिट-2)
- सांत्वना पुरस्कार (द्वितीय) – श्रेया चाहर (एस.जी. पब्लिक स्कूल)
पुरस्कार और सम्मान समारोह
सभी विजेताओं को 26 दिसंबर 2024 को आयोजित मुख्य कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। पुरस्कार राशि इस प्रकार है:
- प्रथम पुरस्कार: ₹31,000
- द्वितीय पुरस्कार: ₹21,000
- तृतीय पुरस्कार: ₹11,000
- सांत्वना पुरस्कार: ₹5,100 प्रत्येक
इसके साथ ही, विजेताओं को प्रशस्ति-पत्र भी प्रदान किए जाएँगे।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस आयोजन में डॉ. आर.एस. तिवारी ‘शिखरेश’, डॉ. सुषमा सिंह, डॉ. श्रुति सिन्हा, डॉ. ममता शर्मा, डॉ. गुंजन, और कुमार ललित निर्णायक मंडल के रूप में उपस्थित थे। विद्यालय के निदेशक एवं आयोजक डॉ. सुशील गुप्ता, और प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन सुनिश्चित किया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और भविष्य की योजनाएँ
डॉ. सुशील गुप्ता ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य हिंदी भाषा और अभिव्यक्ति कला को नई ऊँचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि यह आयोजन अब प्रतिवर्ष किया जाएगा, ताकि हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार को गति मिल सके।
कार्यक्रम का संचालन और समापन
इस सफल आयोजन का संचालन अर्सला नदीम और शिवानी सिंह ने किया। कार्यक्रम का समापन हिंदी भाषा की महत्ता और श्री सतीश चंद्र गुप्ता ‘विभव’ के योगदान को स्मरण करते हुए किया गया।
यह प्रतियोगिता न केवल हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार का एक माध्यम बनी, बल्कि छात्रों के विचारशील व्यक्तित्व और अभिव्यक्ति कौशल को निखारने में भी सहायक सिद्ध हुई।