दिल्ली क्राइम ब्रांच ने लापता नाबालिग को तमिलनाडु से बरामद किया
दिल्ली क्राइम ब्रांच ने रोहिणी के बुध विहार थाना क्षेत्र से लापता हुए एक नाबालिग लड़के को तमिलनाडु के कृष्णागिरी से बरामद किया है। लड़के की गुमशुदगी की रिपोर्ट 21 फरवरी को दर्ज कराई गई थी। तकनीकी निगरानी और जांच के आधार पर पुलिस ने लड़के को तमिलनाडु के कृष्णागिरी के स्पिकोट थाना क्षेत्र से ढूंढ निकाला। जब पुलिस पहुंची तो पता चला कि लड़का वहां मजदूरी कर रहा है।
पढ़ाई के डर से घर छोड़कर भागा
पूछताछ में लड़के ने बताया कि वह दिल्ली के कनॉट प्लेस के एक नामी स्कूल में 11वीं कक्षा का छात्र है। उसने कहा कि उसे पढ़ाई में कोई रुचि नहीं है और वह अंतिम परीक्षा नहीं देना चाहता था। पिता की डांट और पढ़ाई के दबाव से तंग आकर वह 21 फरवरी को घर से भाग गया। उसने अपने पिता को एक संदेश भेजा कि वे उसे न खोजें। इसके बाद वह तमिलनाडु पहुंच गया और वहां मजदूरी करने लगा।
पुलिस ने तकनीकी निगरानी से ढूंढा लड़का
अपराध शाखा के उपायुक्त के अनुसार, पुलिस ने लड़के को ढूंढने के लिए विभिन्न स्रोतों से जानकारी जुटाई। लड़के के माता-पिता, रिश्तेदारों और दोस्तों से बातचीत की गई। तकनीकी निगरानी के आधार पर पुलिस ने लड़के का पता लगाया और उसे तमिलनाडु से बरामद किया। जब पुलिस टीम वहां पहुंची तो पता चला कि लड़का मजदूरी कर रहा है।
लड़के को माता-पिता को सौंपा गया
लड़के को बरामद करने के बाद पुलिस ने उसे संबंधित थाने के जांच अधिकारी और उसके माता-पिता को सौंप दिया। माता-पिता ने पुलिस की मदद के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि वे अपने बेटे को समझाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे उस पर पढ़ाई का दबाव नहीं डालेंगे और उसकी भावनाओं को समझने की कोशिश करेंगे।
पढ़ाई के दबाव से बच्चों पर पड़ रहा है असर
यह घटना एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करती है कि पढ़ाई के दबाव और अभिभावकों की उम्मीदों का बच्चों पर कितना गहरा असर पड़ता है। विशेषज्ञों का मानना है कि बच्चों के साथ संवाद बनाए रखना और उनकी भावनाओं को समझना बेहद जरूरी है। अभिभावकों को चाहिए कि वे बच्चों पर पढ़ाई का दबाव न डालें और उनकी रुचियों को समझने की कोशिश करें।