आगरा की हरीपर्वत पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात ‘ठक-ठक’ गैंग के तीन शातिर बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में दो बदमाशों के पैर में गोली लगी है। पकड़े गए अपराधी आगरा और आसपास के जिलों में लूट की कई वारदातों को अंजाम दे चुके थे। पुलिस ने इस मुठभेड़ के साथ ही इस खतरनाक गैंग के आतंक को खत्म कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के आगरा में हरीपर्वत पुलिस ने रविवार की आधी रात के बाद कुख्यात ‘ठक-ठक’ गैंग के तीन शातिर बदमाशों को एक नाटकीय मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस मुठभेड़ में दो बदमाशों, जावेद और दानिश, के पैर में गोली लगी है। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए तीनों अभियुक्त इस संगठित गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं, जो न केवल आगरा शहर बल्कि आसपास के अन्य जिलों में भी तेजी से और दुस्साहसिक तरीके से लूट की वारदातों को अंजाम देते थे। उनकी अपराध करने की शैली पलक झपकते ही लोगों को धोखा देकर उनके मोबाइल फोन और कीमती सामान छीन लेना थी।
घटनाक्रम रविवार की आधी रात के बाद शुरू हुआ जब हरीपर्वत थाना क्षेत्र में पुलिस टीमें वाहनों की नियमित चेकिंग कर रही थीं। लगभग 2:30 बजे, टीपी नगर इलाके में पुलिस ने एक संदिग्ध चारपहिया वाहन को रुकने का इशारा किया। हालांकि, वाहन में सवार तीनों बदमाशों ने पुलिस के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए भागने का प्रयास किया। पुलिस ने तुरंत उनका पीछा करना शुरू कर दिया। भागते समय, बदमाशों ने पुलिस टीम पर गोलियां चला दीं। जवाबी कार्रवाई करते हुए, पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें दो बदमाश, जिनकी पहचान जावेद और दानिश के रूप में हुई, पैर में गोली लगने से घायल हो गए।
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीनों बदमाशों को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पकड़े गए अभियुक्त आदतन अपराधी हैं और ‘ठक-ठक’ गैंग के मुख्य सदस्य हैं, जो क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके थे। चौंकाने वाली बात यह है कि गिरफ्तारी से कुछ ही दिन पहले, 9 मई को, इस गिरोह ने आगरा शहर में महज दो घंटे के भीतर तीन अलग-अलग लूट की वारदातों को अंजाम दिया था, जिससे शहर में दहशत फैल गई थी। पीड़ितों ने बताया कि बदमाश इतनी तेजी से वारदात को अंजाम देते थे कि उन्हें संभलने का भी मौका नहीं मिलता था। इन वारदातों के बाद से ही आगरा पुलिस इस गिरोह की सरगर्मी से तलाश कर रही थी।
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हरीपर्वत, विनायक भोसले ने इस सफल ऑपरेशन के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रविवार रात को आगरा पुलिस शहर में सक्रिय रूप से चेकिंग और गश्त कर रही थी। लगभग 2:30 बजे, टीपी नगर क्षेत्र में एक संदिग्ध चारपहिया वाहन को रोका गया। जब पुलिस ने वाहन को निरीक्षण के लिए कहा, तो चालक ने तेजी से गाड़ी भगा दी। पुलिस टीम ने तुरंत वाहन का पीछा किया। इस दौरान, वाहन में बैठे अभियुक्तों ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। आत्मरक्षा और अपराधियों को रोकने के लिए, पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। इस मुठभेड़ में दो बदमाश, जावेद और दानिश, के पैर में गोली लगी। घायल बदमाशों को तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। आगे की पड़ताल में यह पुष्टि हुई कि पकड़े गए तीनों व्यक्ति कुख्यात ‘ठक-ठक’ गैंग के सक्रिय सदस्य हैं।
एसीपी विनायक भोंसले ने गैंग की हालिया आपराधिक गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला। पूछताछ के दौरान, जावेद और दानिश ने कबूल किया कि वे मेरठ के रहने वाले हैं और उन्होंने 9 मई को महज दो घंटे के भीतर तीन अलग-अलग स्थानों पर लूट की वारदातें की थीं। पहली घटना देहली गेट इलाके में हुई, जहाँ उन्होंने एक पत्रकार का मोबाइल फोन छीन लिया। इसके कुछ ही देर बाद, उन्होंने खंदारी इलाके में एक अन्य व्यक्ति को अपना शिकार बनाया और उसका मोबाइल फोन लूट लिया। तीसरी वारदात भी हरीपर्वत थाना क्षेत्र में ही हुई। इन सभी वारदातों को महज दो घंटे के अंतराल में अंजाम दिया गया था, जो इस गिरोह की दुस्साहस और त्वरित कार्रवाई करने की क्षमता को दर्शाता है। एसीपी भोंसले ने बताया कि पुलिस इस गैंग के अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही इस पूरे आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।
एसीपी हरीपर्वत ने गिरफ्तार अभियुक्तों, विशेषकर दानिश और जावेद के आपराधिक इतिहास के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों के खिलाफ पहले से ही कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। उन्हें पूर्व में कमला नगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया था और जेल भेजा गया था। मुठभेड़ में गिरफ्तार किया गया तीसरा आरोपी सादिक है, जो इस गिरोह के लिए ड्राइवर के तौर पर काम करता था और उसे प्रतिदिन ₹1500 की मजदूरी दी जाती थी। लगातार हो रही वारदातों के कारण पुलिस इन बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए தீவிரता से प्रयास कर रही थी। पुलिस ने बदमाशों के कब्जे से सात मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनके चोरी के होने का संदेह है। जांच में यह भी पता चला है कि इस गैंग ने आगरा के अलावा अन्य जिलों में भी कई लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। पुलिस गिरफ्तार अभियुक्तों से गहन पूछताछ कर रही है ताकि उनके पूरे नेटवर्क और पिछली वारदातों के बारे में अधिक जानकारी मिल सके।