विश्रामपुर के परिषदीय विद्यालय में बच्चों को हाथ उठाने एवं मुर्गा बनने के लिए किया मजबूर। विरोध करने पर प्रधानाध्यापक समेत अन्य स्टाफ पर दिखाया दबंगई का रौब। घटनाक्रम के बाद ग्रामीणों ने पंचायत सचिव की करतूतों का खोला पुलिंदा।
पंचायत सचिव की दबंगई
आगरा (कागारौल)। जनपद के खेरागढ़ ब्लॉक अंतर्गत कस्बा कागारौल के समीपवर्ती गांव विश्रामपुर में तैनात पंचायत सचिव सुशील चाहर की दबंगई एवं निरंकुश रवैये का एक मामला सामने आया है। परिषदीय विद्यालय के कथित निरीक्षण की आड़ में बच्चों पर जमकर कहर बरपाया गया, जिसके वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
बच्चों पर अत्याचार
बताया जाता है कि वायरल वीडियो में बच्चे रहम की भीख मांग रहे हैं, इसके बावजूद पंचायत सचिव ने हाथ में डंडा लिए बच्चों को काफी देर तक धूप में खड़ा रखा, उनके हाथ उठवा दिए और कुछ अन्य बच्चों को मुर्गा बनने पर मजबूर किया। पंचायत सचिव की दबंगई का आलम यह था कि विद्यालय में घुसते ही उन्होंने स्टाफ को जमकर लताड़ लगाई। इसके बाद विद्यालय की अव्यवस्थाओं का दोष बच्चों पर मढ़ते हुए उन्हें सजा दी। घटनाक्रम के बाद डरे-सहमे बच्चों ने अपने परिवारजनों को जानकारी दी, जिसके बाद ग्रामीणों ने पंचायत सचिव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
रात में बुलाकर घूंघट उठवाकर करता है सर्वे
ग्रामीणों द्वारा वायरल किए जा रहे वीडियो में पंचायत सचिव पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ग्रामीणों के अनुसार, पूरा गांव पंचायत सचिव की रंगीन मिजाजी और भ्रष्टाचार से तंग आ चुका है। ग्रामीणों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदन के लिए परिवार रजिस्टर में समस्त सदस्यों के नाम दर्ज करवाने की आवश्यकता होती है। नाम दर्ज करवाने के लिए पंचायत सचिव के पास पहुंचने वाली महिलाओं को रात 9:00 बजे बुलाया जाता है और उन्हें घूंघट हटाने के लिए मजबूर किया जाता है। यह स्थिति महिलाओं के लिए अत्यंत असहज होती है। स्कूल में बच्चों के साथ हुई घटना पंचायत सचिव की दबंगई का प्रमाण है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि पंचायत सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे कड़ा कदम उठाएंगे।
विद्यालय स्टाफ की भूमिका पर भी उठ रहे सवाल
परिषदीय विद्यालय की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक की होती है, लेकिन विद्यालय में पंचायत सचिव द्वारा बच्चों को प्रताड़ित किए जाने के बावजूद स्टाफ मूकदर्शक बना रहा। पंचायत सचिव बच्चों पर जुल्म करता रहा, जबकि स्टाफ उसकी दबंगई के आगे नतमस्तक दिखा। बताया यह भी जा रहा है विद्यालय स्टाफ द्वारा पुलिस को सूचना दी गई थी, मौके पर पहुंची पुलिस ने भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
पुलिस के पहुंचने के बाद भी नहीं बदले हालात
बताया जा रहा है कि पंचायत सचिव द्वारा बच्चों को प्रताड़ित किए जाने के बाद जब विद्यालय स्टाफ को अपनी गर्दन फंसने का डर लगा तो आनन-फानन में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस विद्यालय पहुंची जरूर, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आरोप है कि पंचायत सचिव की कथित मिलीभगत से मामले को दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद मामला तूल पकड़ने लगा है।
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
संदीप यादव, एसडीएम, खेरागढ़ “परिषदीय विद्यालय विश्रामपुर की घटना का संज्ञान लिया गया है। संबंधित विभाग से रिपोर्ट तलब कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।”
दीपक कुमार, खंड शिक्षा अधिकारी, खेरागढ़ “घटना बेहद गंभीर है। प्रत्येक पहलू की जांच की जाएगी। जांच उपरांत कार्रवाई हेतु पुलिस को भी सूचित किया जाएगा एवं संबंधित विभाग को भी अवगत कराया जाएगा।”