सुप्रीम कोर्ट ने कृष्ण जन्मभूमि केस में शाही ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण पर अंतरिम रोक बढ़ाई
नई दिल्ली, 22 जनवरी 2025, 11:18 AM IST: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कृष्ण जन्मभूमि केस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है जिसमें शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति का आदेश दिया गया था।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की अध्यक्षता में सुनवाई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच मस्जिद कमेटी द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों पर विचार कर रही थी। मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें मथुरा कोर्ट से मुकदमे अपने पास ट्रांसफर कर लिए गए थे। दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति की अनुमति दी थी।
अंतरिम आदेश में विस्तार
सीजेआई संजीव खन्ना ने आदेश में दर्ज किया, “1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में अंतरिम आदेश जारी रखें।” इस प्रकार, सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए न्यायालय आयुक्त की नियुक्ति की अनुमति दी थी। यह आदेश देवता (भगवान श्री कृष्ण विराजमान) और 7 अन्य द्वारा दायर आदेश 26 नियम 9 सीपीसी आवेदन पर पारित किया गया था। मस्जिद समिति ने इस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2024 में इस आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी और अब इस रोक को बढ़ा दिया गया है।
विवाद का इतिहास
यह विवाद मथुरा में मुगल बादशाह औरंगजेब के समय की शाही ईदगाह मस्जिद से संबंधित है। आरोप है कि यह मस्जिद भगवान कृष्ण के जन्मस्थान पर एक मंदिर को ध्वस्त करने के बाद बनाई गई थी। 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान, जो मंदिर प्रबंधन प्राधिकरण है, और ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह के बीच ‘समझौता’ हुआ था, जिसके तहत दोनों पूजा स्थलों को एक साथ संचालित करने की अनुमति दी गई थी। हालांकि, इस समझौते की वैधता को अब कृष्ण जन्मभूमि के संबंध में अदालतों में विभिन्न प्रकार की राहत की मांग करने वाले पक्षों द्वारा नए मुकदमों में चुनौती दी गई है।
अदालत में नए मुकदमे
वादी तर्क दे रहे हैं कि समझौता समझौता धोखाधड़ी से किया गया था और कानून में अमान्य है। विवादित स्थल पर पूजा करने के अधिकार का दावा करते हुए, उनमें से कई ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग की है। मई 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विवाद से संबंधित विभिन्न राहतों के लिए प्रार्थना करते हुए मथुरा न्यायालय के समक्ष लंबित सभी मुकदमों को अपने पास स्थानांतरित कर लिया।
हाईकोर्ट का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, “इस तथ्य को देखते हुए कि सिविल कोर्ट के समक्ष 10 से अधिक मुकदमों के लंबित होने की बात कही गई है, साथ ही 25 और मुकदमों के लंबित होने की बात कही जा सकती है। यह मुद्दा मौलिक सार्वजनिक महत्व का है, जो जनजातियों और समुदायों से परे आम जनता को प्रभावित करता है। पिछले दो से तीन वर्षों से योग्यता के आधार पर उनकी संस्था के बाद से एक इंच भी आगे नहीं बढ़ा है, धारा 24(1)(बी) सीपीसी के तहत संबंधित सिविल कोर्ट से इस न्यायालय में मुकदमे में शामिल मुद्दे को छूने वाले सभी मुकदमों को वापस लेने का पूरा औचित्य प्रदान करता है।”
सुप्रीम कोर्ट में चुनौती
इस स्थानांतरण आदेश को मस्जिद समिति और बाद में उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई। दिसंबर 2023 में हाईकोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण करने के लिए न्यायालय आयुक्त की नियुक्ति की मांग करने वाली याचिका को अनुमति दी। यह आदेश देवता (भगवान श्री कृष्ण विराजमान) और 7 अन्य द्वारा दायर आदेश 26 नियम 9 सीपीसी आवेदन पर पारित किया गया। जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी। इसके बाद, इस रोक को बढ़ा दिया गया।
पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन
मस्जिद समिति ने तर्क दिया कि पूजा स्थल अधिनियम इन मुकदमों पर रोक लगाता है। मस्जिद समिति ने यह भी तर्क दिया कि अदालतों द्वारा किए गए किसी भी निर्णय को इस अधिनियम का पालन करना चाहिए और इस पर कोई भी विवाद नहीं होना चाहिए। हालांकि, अदालत ने इस तर्क को खारिज कर दिया और मामले को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
विवादित स्थल का निरीक्षण
मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद का निरीक्षण विवाद का मुख्य बिंदु बना हुआ है। कोर्ट कमिश्नर को इस मस्जिद का निरीक्षण करने का आदेश देने के बाद मस्जिद समिति ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश पर अंतरिम रोक लगाई थी और अब इस रोक को बढ़ा दिया गया है। अदालत ने कहा कि इस मसले पर अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पक्षों की दलीलों को सुना जाएगा।
आगे की कार्यवाही
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। तब तक के लिए अंतरिम रोक जारी रहेगी। अदालत ने यह भी कहा कि वह मस्जिद समिति की अपीलों पर विचार करेगी और तब तक कोई भी नया आदेश नहीं पारित करेगी।
कृष्ण जन्मभूमि केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के निरीक्षण पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है। अदालत ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 1 अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। इस निर्णय से मस्जिद समिति को राहत मिली है, लेकिन मामला अभी भी अदालत में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वह मस्जिद समिति की अपीलों पर विचार करेगी और तब तक कोई भी नया आदेश नहीं पारित करेगी।
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