SN Medical College: दुर्लभ सर्जरी से बच्ची को मिला सामान्य जीवन
आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) के यूरोलॉजी विभाग ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। जन्म से ही मूत्र असंयम (यूरेनरी इनकॉन्टिनेंस) से जूझ रही तीन वर्षीय बच्ची का सफल ऑपरेशन कर, विभागाध्यक्ष डॉ. प्रशांत लवानिया और उनकी टीम ने बच्ची और उसके परिवार को एक नई जिंदगी दी है।
डॉक्टरों के अनुसार, यह दुर्लभ स्थिति हर 1,00,000 बच्चों में से केवल 2 मामलों में पाई जाती है। समय पर पहचान और सही इलाज न मिलने के कारण कई परिवार गंभीर समस्याओं का सामना करते हैं।
बच्ची के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने कई डॉक्टरों से सलाह ली और विभिन्न दवाएं आजमाईं, लेकिन कोई राहत नहीं मिली। अंततः वे एसएनएमसी के यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में पहुंचे, जहां उनकी बच्ची की सही जांच और इलाज संभव हो सका।
जीवन पर समस्या का असर
बच्ची को जन्म से ही मूत्र असंयम की समस्या थी, जिससे उसे लगातार डायपर का इस्तेमाल करना पड़ता था। बार-बार मूत्र संक्रमण और बीमारी के चलते उसकी सेहत पर गहरा असर पड़ा। परिवार आर्थिक रूप से भी कमजोर हो गया क्योंकि इलाज और डायपर पर भारी खर्च हो रहा था।
सर्जरी ने बदली जिंदगी
जांच में पाया गया कि बच्ची के पेशाब का रास्ता (यूरेटर) गलत जगह जुड़ा हुआ था। इसे सही करने के लिए डॉ. प्रशांत लवानिया की टीम ने यूरेट्रिक रीइम्प्लांटेशन सर्जरी की। सर्जरी सफलतापूर्वक पूरी हुई और अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है।
माता-पिता ने राहत की सांस लेते हुए कहा, “डॉक्टरों ने हमारे लिए चमत्कार कर दिखाया। अब हमारी बच्ची सामान्य जीवन जी सकेगी।”
विशेषज्ञों की सलाह
डॉ. प्रशांत लवानिया ने कहा, “मूत्र असंयम की समस्या बच्चों और उनके परिवार के जीवन पर गहरा प्रभाव डालती है। सही समय पर इलाज से बच्चों का जीवन बेहतर बनाया जा सकता है।”
संस्थान की उपलब्धि
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने इस उपलब्धि पर विभाग को बधाई देते हुए कहा कि यह सर्जरी पूरे कॉलेज के लिए गर्व की बात है। एसएनएमसी मरीजों के लिए हर चुनौती का समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।