सैफ अली खान ने की ऑटो ड्राइवर से मुलाकात, जिसने हमले के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया
आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत
22 जनवरी 2025, 18:24
सैफ अली खान ने हाल ही में उस ऑटो ड्राइवर से मुलाकात की, जिसने 16 जनवरी की रात को चाकू से हमले के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया था। इस घटना ने लोगों के दिलों को छू लिया और ऑटो ड्राइवर की वीरता को सराहा गया।
16 जनवरी को रात 2:30 बजे के आसपास, सैफ अली खान अपने बांद्रा स्थित घर में थे जब एक चोर ने उनके घर में प्रवेश किया और चोरी करने का प्रयास किया। चोर ने सैफ पर चाकू से हमला किया, जिससे उनकी गर्दन और पीठ पर गंभीर चोटें आईं। इस मुश्किल समय में, ऑटो ड्राइवर भजन सिंह राणा ने अपनी बहादुरी और मानवीयता का परिचय दिया।
भजन सिंह राणा ने इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए घटना की रात को याद किया। उन्होंने बताया कि सैफ अली खान उनके ऑटोरिक्शा में बैठे और तुरंत ही पूछा कि अस्पताल पहुंचने में कितना समय लगेगा। राणा ने तेजी से ऑटो चलाया और करीब आठ से दस मिनट में लीलावती अस्पताल पहुंच गए।
राणा ने बताया, “सैफ अली खान खुद मेरे पास आए और ऑटो में बैठ गए। वह घायल अवस्था में थे और उनके साथ एक छोटा बच्चा और एक अन्य व्यक्ति था। उनके सफेद कुर्ते पर खून के धब्बे थे और काफी खून बह रहा था।”
जब सैफ को अस्पताल पहुंचाया गया, तो वहां उनकी दो सर्जरी की गईं। शुक्र है कि समय पर इलाज मिलने से उनकी हालत में सुधार हुआ और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
सैफ अली खान ने इस बहादुर ड्राइवर को धन्यवाद देने के लिए व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने भजन सिंह राणा को गले लगाया और उनके अच्छे काम के लिए आभार व्यक्त किया। सैफ की मां, शर्मिला टैगोर ने भी इस मुलाकात के दौरान भजन सिंह राणा को आशीर्वाद दिया और उनके साहस की प्रशंसा की।
भजन सिंह राणा ने इस घटना के बाद बताया, “मुझे अच्छा लग रहा है कि मैं उस वक्त सैफ की मदद कर सका। मैंने उनका किराया भी नहीं लिया। यह मेरी जिम्मेदारी थी और मैं खुश हूं कि मैंने अपना कर्तव्य निभाया।”
इस घटना ने लोगों के दिलों को छू लिया और दिखाया कि कैसे एक साधारण व्यक्ति भी बड़े काम कर सकता है। सैफ अली खान और उनकी मां शर्मिला टैगोर ने भजन सिंह राणा के साहस और मानवीयता को सलाम किया।
सैफ अली खान ने अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद मीडिया से कहा, “मैं इस बहादुर ड्राइवर को दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं। अगर वह उस रात न होते, तो शायद मेरी हालत और भी खराब हो सकती थी। उनकी त्वरित प्रतिक्रिया और साहस ने मेरी जान बचाई।”
यह घटना समाज के सभी लोगों को याद दिलाती है कि मानवीयता और दयालुता हमारे समाज के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। भजन सिंह राणा की कहानी हमें यह सिखाती है कि हम सभी किसी न किसी रूप में हीरो हो सकते हैं और जरूरत के समय मदद के लिए आगे आ सकते हैं।
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