Shopping cart

Magazines cover a wide array subjects, including but not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

TnewsTnews
  • Home
  • National
  • मुरादाबाद में मंदिर का पुनर्निर्माण: 44 साल बाद खुला गौरीशंकर मंदिर, टूटे शिवलिंग और मूर्तियां मिलीं
National

मुरादाबाद में मंदिर का पुनर्निर्माण: 44 साल बाद खुला गौरीशंकर मंदिर, टूटे शिवलिंग और मूर्तियां मिलीं

Email :

यूपी के मुरादाबाद जिले में 31 दिसंबर को ऐतिहासिक गौरीशंकर मंदिर को 44 साल बाद पुनः खोला गया। यह मंदिर मुस्लिम बहुल क्षेत्र ‘झब्बू का नाला’ में स्थित था, जहां लंबे समय से मंदिर बंद पड़ा था। प्रशासन ने इस कार्य के लिए भारी पुलिस सुरक्षा के साथ कार्रवाई की, और मंदिर की खुदाई के दौरान कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक अवशेष प्राप्त हुए, जिनमें टूटे हुए शिवलिंग, नंदी की मूर्ति और हनुमान की खंडित मूर्तियां शामिल हैं।

44 साल बाद खोला गया गौरीशंकर मंदिर

मुरादाबाद के इस इलाके में गौरीशंकर मंदिर को 44 वर्षों से बंद रखा गया था। मंदिर के भीतर कई धार्मिक वस्तुएं और मूर्तियां मौजूद थीं, लेकिन लम्बे समय से इनकी स्थिति और अस्तित्व पर सवाल उठ रहे थे। प्रशासन ने मंदिर की खुदाई के दौरान एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए इन वस्तुओं को फिर से बहाल करने का कार्य शुरू किया।

मंदिर को फिर से खोले जाने के बाद इलाके के हिंदू समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई। प्रशासन ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया था, और पुलिस बल की तैनाती की गई थी ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।

मंदिर की खुदाई और पाए गए धार्मिक अवशेष

मंदिर की खुदाई के दौरान, मंदिर के भीतर कुछ महत्वपूर्ण धार्मिक वस्तुएं प्राप्त की गईं, जो भारतीय हिंदू धर्म के प्रतीक हैं। इनमें एक खंडित शिवलिंग, नंदी की मूर्ति और हनुमान जी की मूर्ति शामिल हैं। इन धार्मिक अवशेषों के मिलते ही इलाके के हिंदू समुदाय में उत्साह और विश्वास की लहर दौड़ गई, क्योंकि इन वस्तुओं को लेकर वर्षों से सवाल उठाए जा रहे थे कि कहीं ये लुप्त तो नहीं हो गई हैं।

मंदिर की खुदाई से पहले, कुछ स्थानिय लोग यह मानते थे कि ये धार्मिक वस्तुएं कभी इस स्थान पर नहीं थीं। लेकिन अब, इन अवशेषों के मिल जाने से यह सिद्ध हो गया कि इस क्षेत्र में पहले भी एक महत्वपूर्ण मंदिर था, जो धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यधिक महत्व रखता था।

मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया

मंदिर को फिर से खोले जाने और वहां से प्राप्त धार्मिक वस्तुओं को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच कोई विरोध नहीं देखा गया। मुस्लिमों का कहना है कि उन्हें पूजा से कोई समस्या नहीं है, और वे इस बात से खुश हैं कि मंदिर की स्थिति को बहाल किया गया है। मुस्लिम समुदाय के कई सदस्य इस बात से सहमत हैं कि मंदिर का पुनर्निर्माण शांति और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।

स्थानीय मुस्लिम निवासी यह मानते हैं कि यदि मंदिर का खुलना और वहां पूजा करना समुदायों के बीच बेहतर रिश्तों का संकेत बन सकता है, तो इसे स्वागत योग्य होना चाहिए। इससे कोई भी धार्मिक विवाद उत्पन्न नहीं होगा, और यह शांति के माहौल को बढ़ावा देगा।

44 वर्षों के बाद मंदिर खोलने की सजा

गौरीशंकर मंदिर की 44 सालों तक बंद रहने की वजह क्षेत्र में हुए दंगे और सामाजिक अशांति मानी जा रही है। कहा जाता है कि धार्मिक असहमति और स्थानीय विवादों के कारण मंदिर को बंद कर दिया गया था। इस मंदिर के पुनर्निर्माण और खुलने से, हिंदू समुदाय ने इसे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के रूप में पुनर्जीवित करने का एक कदम माना है।

हालांकि, कुछ इलाके के लोग मानते हैं कि मंदिर के पुनर्निर्माण से यह साबित हो सकता है कि धार्मिक स्थल और संस्कृतियों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है, बशर्ते दोनों समुदायों में आपसी समझ और सम्मान हो।

मुरादाबाद में गौरीशंकर मंदिर का फिर से खोला जाना एक ऐतिहासिक पल है, जिसे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक सौहार्द का प्रतीक माना जा सकता है। जबकि हिंदू समुदाय के लिए यह खुशी का मौका है, मुस्लिम समुदाय ने भी इसे शांति और सौहार्द की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा है। इस घटनाक्रम से यह संदेश मिलता है कि भारतीय समाज में धार्मिक सहिष्णुता और आपसी सम्मान के आधार पर ही सांस्कृतिक धरोहरों की पुनर्स्थापना की जा सकती है।

img

खबर भेजने के लिए व्हाट्स एप कीजिए +917579990777 pawansingh@tajnews.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts