बेंगलुरु का एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम शनिवार रात एक अविस्मरणीय मुकाबले का गवाह बना। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के एक बेहद महत्वपूर्ण मैच में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) का सामना चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) से था। यह मैच सिर्फ दो चिर-प्रतिद्वंद्वी टीमों के बीच की भिड़ंत नहीं थी, बल्कि प्लेऑफ में जगह बनाने की दौड़ में एक निर्णायक कदम था। मैच ने आखिरी गेंद तक साँसें रोके रखीं और अंततः रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 2 रन से रोमांचक जीत दर्ज की, जिससे उनकी प्लेऑफ में पहुँच लगभग सुनिश्चित हो गई।
मैच का परिणाम भले ही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के पक्ष में रहा हो, लेकिन इस मुकाबले की सबसे यादगार कहानी 17 साल के एक युवा बल्लेबाज ने लिखी। चेन्नई सुपर किंग्स के लिए ओपनिंग करने आए आयुष म्हात्रे ने अपनी निडर और आक्रामक बल्लेबाजी से क्रिकेट प्रेमियों का दिल जीत लिया। भले ही उनकी टीम हार गई, लेकिन आयुष की 94 रनों की शानदार पारी खेल के मुख्य आकर्षणों में से एक रही।
आरसीबी द्वारा निर्धारित लक्ष्य का पीछा करते हुए, चेन्नई सुपर किंग्स को एक ठोस शुरुआत की आवश्यकता थी। युवा आयुष म्हात्रे ने पारी की शुरुआत की और शुरुआत से ही सकारात्मक इरादे दिखाए। उन्होंने बिना किसी दबाव के खुलकर बल्लेबाजी की और मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट लगाए। उनकी टाइमिंग सटीक थी और शॉट चयन प्रभावशाली। ऐसा लग ही नहीं रहा था कि यह युवा बल्लेबाज आईपीएल जैसे बड़े मंच पर अपना पहला या शुरुआती मैच खेल रहा है। उन्होंने अनुभवी गेंदबाजों का भी डटकर सामना किया और अपनी बल्लेबाजी से चेन्नई की उम्मीदों को ज़िंदा रखा।
जैसे-जैसे पारी आगे बढ़ी, आयुष का आत्मविश्वास बढ़ता गया। उन्होंने 48 गेंदों का सामना करते हुए 195.83 के जबरदस्त स्ट्राइक रेट से 94 रन बनाए। उनकी इस तूफानी पारी में 9 शानदार चौके और 5 गगनचुंबी छक्के शामिल थे। हर चौके और छक्के के साथ स्टेडियम में मौजूद दर्शक, चाहे वे किसी भी टीम के समर्थक हों, उनकी प्रतिभा को देखकर तालियाँ बजाने पर मजबूर हो गए। यह एक ऐसी पारी थी जो सिर्फ रन संख्या के बारे में नहीं थी, बल्कि इसमें बड़े मंच पर एक युवा खिलाड़ी की हिम्मत, कौशल और आत्मविश्वास झलक रहा था।
दुर्भाग्यवश, आयुष म्हात्रे अपनी टीम को जीत की रेखा पार कराने में कामयाब नहीं हो सके और न ही अपना शतक पूरा कर पाए। वह 94 रन पर आउट हो गए, जो निश्चित रूप से उनके और टीम के लिए निराशाजनक रहा। हालांकि, जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की, उसने उनके उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा किया।
दूसरी ओर, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के लिए जीत के हीरो तेज गेंदबाज यश दयाल रहे। चेन्नई को अंतिम ओवर में जीत के लिए 15 रनों की आवश्यकता थी और क्रीज पर क्रिकेट के दो सबसे खतरनाक फिनिशर, एमएस धोनी और रवींद्र जडेजा मौजूद थे। ऐसे में यश दयाल पर immense दबाव था। यह वही यश दयाल थे जिन्होंने पिछले सीज़न में एक मैच के अंतिम ओवर में लगातार पाँच छक्के खाए थे। वह अनुभव निश्चित रूप से उनके ज़हन में रहा होगा।
लेकिन एक चैंपियन खिलाड़ी मुश्किल परिस्थितियों में ही खुद को साबित करता है। यश दयाल ने संयम बनाए रखा और शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने सटीक यॉर्कर और धीमी गेंदों का मिश्रण इस्तेमाल किया, जिससे धोनी और जडेजा जैसे दिग्गजों के लिए भी बड़े शॉट लगाना मुश्किल हो गया। उन्होंने अंतिम ओवर में सिर्फ 12 रन दिए और इस प्रकार रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने 2 रनों से thrilling जीत हासिल की। यश दयाल ने पिछली निराशा को पीछे छोड़कर एक बार फिर साबित किया कि उनमें बड़े मैचों में प्रदर्शन करने की काबिलियत है। इस जीत ने आरसीबी के ड्रेसिंग रूम में जश्न का माहौल भर दिया और उनके प्लेऑफ में पहुँचने की राह बहुत आसान हो गई।
मैच हारने के बावजूद, आयुष म्हात्रे की पारी चर्चा का विषय बन गई। उनकी प्रतिभा को भारतीय क्रिकेट बिरादरी में तुरंत पहचान मिली। भारतीय टी20 टीम के कप्तान और दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक सूर्यकुमार यादव भी आयुष के प्रदर्शन से बेहद प्रभावित हुए। सूर्यकुमार यादव, जिन्हें उनकी unorthodox बल्लेबाजी और बड़े शॉट्स के लिए जाना जाता है, ने युवा आयुष की सराहना करने में कोई समय नहीं लगाया।
सूर्यकुमार यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर आयुष म्हात्रे के लिए एक विशेष पोस्ट लिखा। उन्होंने ट्वीट किया, “निश्चित इरादे, बहादुरी और जोश से भरी पारी! भविष्य यहीं है, यह नाम याद रखना।” सूर्यकुमार यादव जैसे स्थापित और प्रभावशाली खिलाड़ी से इस तरह की सार्वजनिक प्रशंसा मिलना किसी भी युवा क्रिकेटर के लिए बहुत बड़ी बात है। यह न केवल आयुष के मनोबल को बढ़ाएगा बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर चयनकर्ताओं और कोचों का ध्यान भी उनकी ओर खींचेगा। सूर्यकुमार यादव खुद एक ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपने करियर में कड़ी मेहनत और प्रभावशाली प्रदर्शन से अपनी जगह बनाई है, इसलिए उनकी तारीफ का विशेष महत्व है।
यह भी गौरतलब है कि आयुष म्हात्रे को चेन्नई सुपर किंग्स में तब शामिल किया गया था जब नियमित कप्तान रुतुराज गायकवाड़ चोटिल हो गए थे। आयुष घरेलू क्रिकेट में मुंबई के लिए खेलते हैं, जो भारतीय क्रिकेट में प्रतिभा का एक बड़ा केंद्र रहा है। मुंबई इंडियंस के लिए खेलने वाले सूर्यकुमार यादव का मुंबई के एक युवा खिलाड़ी की सराहना करना स्वाभाविक है, लेकिन उनकी टिप्पणी निष्पक्ष और प्रदर्शन पर आधारित थी।
आयुष म्हात्रे का यह प्रदर्शन सिर्फ एक शानदार पारी से कहीं बढ़कर है। यह दर्शाता है कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है और सही मंच मिलने पर युवा खिलाड़ी बड़े से बड़े दबाव को झेलकर असाधारण प्रदर्शन कर सकते हैं। 17 साल की उम्र में आईपीएल जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में इस तरह की पारी खेलना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह निश्चित रूप से उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।
चेन्नई सुपर किंग्स के लिए, भले ही वे यह मैच हार गए, आयुष म्हात्रे के रूप में उन्हें एक संभावित भविष्य का सितारा मिला है। जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजी की, उसे देखते हुए यह लगभग तय है कि चेन्नई सुपर किंग्स अगले सीज़न के लिए होने वाली नीलामी या रिटेंशन प्रक्रिया में आयुष को अपनी टीम में बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगी। एक युवा, निडर और प्रतिभाशाली खिलाड़ी किसी भी टीम के लिए एक बड़ी संपत्ति होता है, और आयुष में वे सभी गुण दिखाई देते हैं।
संक्षेप में, आरसीबी बनाम सीएसके का यह मैच कई कारणों से याद रखा जाएगा – यश दयाल का दबाव में शानदार अंतिम ओवर, आरसीबी की महत्वपूर्ण जीत, और सबसे बढ़कर, 17 साल के आयुष म्हात्रे की धमाकेदार पारी जिसने यह साबित कर दिया कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में है। सूर्यकुमार यादव जैसे दिग्गज खिलाड़ी द्वारा उनकी प्रतिभा को पहचानना इस युवा खिलाड़ी के लिए एक अतिरिक्त प्रोत्साहन है और निश्चित रूप से उन्हें और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित करेगा। यह मैच आईपीएल के उस आकर्षण को भी दर्शाता है जहाँ स्थापित सितारे प्रदर्शन करते हैं, वहीं नए और युवा खिलाड़ी रातोंरात हीरो बन जाते हैं। आयुष म्हात्रे का नाम निश्चित रूप से आने वाले समय में भारतीय क्रिकेट में चमकने वाला है।