नई दिल्ली। शिक्षा प्रणाली को समग्र रूप से सुधारने और छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायंस (नीसा) ने 1,20,000 संबद्ध स्कूलों को परामर्श और दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये दिशा-निर्देश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत देशभर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तैयार किए गए हैं।
दिशानिर्देशों के मुख्य बिंदु
- अनधिकृत कक्षाओं पर प्रतिबंध:
कोई भी स्कूल अपने परिसर में अनधिकृत, अवैध या असंबद्ध कक्षाएं संचालित नहीं करेगा। - डमी छात्रों का पंजीकरण प्रतिबंधित:
स्कूलों में गैर-उपस्थित डमी छात्रों को प्रवेश या पंजीकरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। - कोचिंग संस्थानों के लिए परिसर में प्रवेश निषेध:
स्कूल परिसर में किसी भी कोचिंग संस्थान को संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह गतिविधि अवैध और वाणिज्यिक मानी जाती है। - कोर शिक्षा को बढ़ावा:
नीसा केवल कोर स्कूल शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगा। स्कूल अपने संसाधनों और विशेषज्ञ शिक्षकों के माध्यम से छात्रों को प्रवेश और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार करेंगे। - कोचिंग विनियमन पर सख्ती:
नीसा केंद्र सरकार के 16 जनवरी 2024 के कोचिंग नियंत्रण दिशानिर्देशों और राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तावित अधिनियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेगा। - कानूनी कार्रवाई और जन जागरूकता:
कानून के उल्लंघन पर नीसा लोकतांत्रिक तरीकों से कानूनी कार्रवाई, जन आंदोलन, सोशल मीडिया जागरूकता अभियान, और अदालती प्रक्रिया अपनाएगा। - कक्षा 10 से नीचे के छात्रों पर कोचिंग प्रतिबंध:
16 वर्ष से कम आयु या कक्षा 10 से नीचे के छात्रों के लिए किसी भी प्रकार की कोचिंग कक्षाओं पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। - सरकारी दिशानिर्देशों का पालन:
केंद्र और राज्य सरकार के सभी शिक्षा विभागों और बोर्डों को इन दिशानिर्देशों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करना होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप प्रतिबद्धता
नीसा ने इन दिशानिर्देशों के जरिए यह सुनिश्चित किया है कि शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और गुणवत्ता को प्राथमिकता मिले। ये कदम जनहित, सुरक्षा, और शिक्षा प्रणाली के समग्र उत्थान की दिशा में उठाए गए हैं।
शिक्षा प्रणाली के लिए संदेश
नीसा का यह प्रयास न केवल शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए है, बल्कि यह छात्रों और अभिभावकों को कोचिंग संस्थानों के दबाव से मुक्त करने का भी प्रयास है। ये दिशा-निर्देश शिक्षा में एक नई क्रांति की शुरुआत का प्रतीक हैं।