भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार: 2030 तक 500 अरब डॉलर का लक्ष्य
भारत और अमेरिका ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का संकल्प किया है। यह निर्णय दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से लिया गया है। इस संकल्प के तहत, दोनों देश विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें व्यापार, निवेश, और तकनीकी सहयोग शामिल हैं।
मोदी-ट्रंप मुलाकात: वैश्विक मीडिया की नजर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बैठक में व्यापार, सेमीकंडक्टर, टैरिफ और रक्षा संबंधों पर विशेष ध्यान दिया गया। ट्रंप ने टैरिफ लगाने की धमकी के बाद पहली बार मोदी से मुलाकात की और उन्हें बड़ा निगोशिएटर बताया। इस बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापारिक तनावों को कम करने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की।
अमेरिका ने F-35 फाइटर जेट बेचने का ऐलान किया
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नई दिल्ली को एफ-35 स्टील्थ फाइटर जेट बेचने का ऐलान किया। यह जेट दुनिया के सबसे उन्नत जेट में से एक माना जाता है और इसे खरीदने से भारत की रक्षा क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इस घोषणा के बाद, दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
व्यापारिक तनाव और अवैध इमिग्रेशन
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, दोनों नेताओं ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सेमीकंडक्टर और मिनरल्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने पर सहमति जताई। इसके अलावा, अवैध इमिग्रेशन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है। उन्होंने ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क को खत्म करने की भी बात कही।
चीन के प्रभाव का मुकाबला
एएफपी ने बताया कि मोदी-ट्रंप की बैठक चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक बड़े अमेरिकी रणनीति का हिस्सा थी। इस बैठक में दोनों नेताओं ने चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के उपायों पर चर्चा की। हालांकि, व्यापारिक तनावों को हल करने के लिए तत्काल कोई कदम नहीं उठाए गए, लेकिन दोनों देशों ने इस दिशा में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता जताई।
तेल और गैस आयात पर जोर
ब्लूमबर्ग के अनुसार, भारत अमेरिका से तेल और गैस आयात को बढ़ावा देना चाहता है ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार का संतुलन बना रहे। इस बैठक में दोनों नेताओं ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की और भारत ने अमेरिका से तेल और गैस आयात को बढ़ाने की इच्छा जताई। इससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में और मजबूती आएगी।
मानवाधिकार चिंताएं
अल जजीरा ने मानवाधिकार चिंताओं पर चर्चा की, जिसमें दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस स्वतंत्रता पर चर्चा करने से बचते रहे। अल जजीरा के मुताबिक, दोनों नेताओं ने मानवाधिकारों के मुद्दे पर खुलकर चर्चा नहीं की, लेकिन उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश लोकतांत्रिक मूल्यों का सम्मान करते हैं।
व्यापारिक तनावों को लेकर तत्काल नहीं उठाए गए कदम
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 500 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य रखा है। इसमें बताया गया कि दोनों नेताओं के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), सेमीकंडक्टर और मिनरल्स जैसे प्रमुख क्षेत्र में व्यापार को बढ़ावा देने को लेकर समझौते हुए।
अवैध इमिग्रेशन का मुद्दा भी रहा हावी
रॉयटर्स ने अमेरिका में रहे अवैध इमिग्रेशन के मुद्दे को भी प्रमुखता दी है। इसमें कहा गया है कि पीएम मोदी ने आश्वासन दिया कि भारत अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार है और ह्यूमन ट्रैफिकिंग नेटवर्क को खत्म करने की बात कही।
चीन के प्रभाव का मुकाबला
एएफपी ने कहा कि मोदी-ट्रंप की बैठक चीन के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए एक बड़े अमेरिकी राणनीति का हिस्सा थी। एएफपी ने कहा कि बड़े-बड़े बयानबाजी के बावजूद व्यापारिक तनावों को हल करने को लेकर तत्काल कोई कदम नहीं उठाए गए।
‘मोदी-ट्रंप की बैठक प्रतीकात्मक’
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने बताया कि भारत, अमेरिका से तेल और गैस आयात को बढ़ावा देना चाहता है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार का संतुलन बना रहे। बीबीसी ने बताया कि मोदी-ट्रंप की बैठक काफी हद तक प्रतीकात्मक थी, जिसमें व्यापार विवादों पर कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ। इसमें कहा गया कि दोनों नेताओं ने रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने के लिए इस अवसर का उपयोग किया।
टैरिफ का मुद्दा भी वर्ल्ड मीडिया में छाया रहा
अल जजीरा ने इस बैठक को लेकर मानवाधिकार चिंताओं पर बात की। अल जजीरा के मुताबिक दोनों नेता लोकतांत्रिक मूल्यों और प्रेस स्वतंत्रता पर चर्चा करने से बचते रहे। न्यूज चैनल सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ के आदेश से डेवलपिंग देशों पर बुरा पड़ सकता है, जिसमें भारत, ब्राजील, वियतनाम, दक्षिण-पूर्व एशियाई और अफ्रीकी देश शामिल हैं।