साकेत हॉस्पिटल के डॉक्टर और प्रबंधक के खिलाफ प्रार्थना पत्र पर सीएमओ से आख्या तलब, 18 जनवरी को होगी सुनवाई
आगरा: साकेत हॉस्पिटल के डॉक्टर और प्रबंधक के खिलाफ गंभीर आरोपों के मामले में सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने कार्रवाई का आदेश दिया है। अदालत में प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के आधार पर, सीएमओ (मुख्य चिकित्सा अधिकारी) आगरा को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
मामले की पृष्ठभूमि
श्रीमती रीना, पत्नी स्व. राधेश्याम, निवासी गांव विला न चटपुरा पिचूना, थाना उच्चेन, जिला भरतपुर ने सीजेएम की अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने पति की मृत्यु के लिए साकेत हॉस्पिटल के डॉक्टरों और प्रबंधकों को जिम्मेदार ठहराया है।
प्रार्थना पत्र में बताया गया कि 6 जून 2024 को राधेश्याम को पेट दर्द की शिकायत के चलते साकेत हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जांच के बाद डॉक्टरों ने कहा कि किडनी में पथरी है और ऑपरेशन करना जरूरी है। ऑपरेशन के बाद, राधेश्याम को गंभीर स्थिति में ऑपरेशन थिएटर से बाहर लाया गया। उनके मुंह, नाक, और पैरों से खून बह रहा था, और कपड़े खून से सने हुए थे।
श्रीमती रीना के आरोप
प्रार्थिया के अनुसार, ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने राधेश्याम को दूसरे अस्पताल ले जाने की बात कही। काफी समय तक कोई जानकारी न मिलने पर, उन्होंने एम्बुलेंस चालक से संपर्क किया। चालक ने बताया कि राधेश्याम की मृत्यु हो चुकी है और उनकी लाश को गांव भेजा जा रहा है। इस सूचना से आहत श्रीमती रीना ने साकेत हॉस्पिटल के डॉक्टरों और प्रबंधकों पर लापरवाही का आरोप लगाया।
सीजेएम का आदेश
सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने इस मामले को गंभीर मानते हुए सीएमओ आगरा को जांच का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि एक बोर्ड गठित कर संपूर्ण दस्तावेजों की समीक्षा की जाए और यह निर्धारित किया जाए कि अस्पताल के डॉक्टरों और प्रबंधकों की लापरवाही के कारण यह घटना हुई या नहीं।
इसके साथ ही सीएमओ को निर्देश दिया गया कि वह जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करें।
पुलिस और सीएमओ को निर्देश
सीजेएम ने आदेश की प्रतियां पुलिस आयुक्त और सीएमओ आगरा को भेज दी हैं। पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया गया है कि वह मामले की निष्पक्षता सुनिश्चित करें।
अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी 2025 को होगी। इस दौरान सीएमओ की जांच रिपोर्ट और अन्य दस्तावेजों की समीक्षा की जाएगी।
मामले का महत्व
यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही के गंभीर आरोपों से जुड़ा है। यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाएगा।
अदालत के आदेश के बाद अब सभी की निगाहें 18 जनवरी को होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जिसमें मामले के तथ्य सामने आ सकते हैं और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद है।