आगरा: शहर के जाने-माने बिल्डर प्रखर गर्ग और उनकी पत्नी पर एक और धोखाधड़ी का मामला दर्ज होने से शहर में सनसनी फैल गई है। इस बार साहित्य कुंज एमजी रोड निवासी मुकेश जैन ने आरोप लगाया है कि गर्ग दंपत्ति ने उन्हें जमीन में निवेश के नाम पर तीन करोड़ रुपये ठग लिए।
क्या है पूरा मामला?
जैन ने बताया कि वह 2012 से प्रखर गर्ग को जानते थे। गर्ग ने उन्हें बताया था कि उनकी कंपनी सारांश इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम से सिकंदरा स्मारक के सामने जमीन है और इस पर फोर्टिस हॉस्पिटल के साथ निर्माण कराकर किराए पर देने का समझौता हुआ है। गर्ग ने जमीन पर निवेश के लिए तीन करोड़ रुपये लिए और बदले में कंपनी के शेयर दे दिए।
लेकिन बाद में जैन को पता चला कि जमीन की कीमत बहुत कम थी और फोर्टिस हॉस्पिटल का अनुबंध भी खत्म हो चुका था। जब जैन ने पैसे वापस मांगे तो गर्ग ने चार चेक दिए जो बाउंस हो गए।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
इस मामले में पुलिस ने धोखाधड़ी और कूट रचित दस्तावेज तैयार करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि प्रखर गर्ग के खिलाफ पहले से ही थाना कमला नगर और हरीपर्वत में भी मामले दर्ज हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
प्रखर गर्ग का विवादित इतिहास
प्रखर गर्ग के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी उनके खिलाफ कई धोखाधड़ी के मामले दर्ज हो चुके हैं। कुछ महीने पहले ईडी ने भी उनके ठिकानों पर छापेमारी की थी।
शहरवासी सकते में
इस मामले ने शहर के लोगों को हिलाकर रख दिया है। लोग अब प्रखर गर्ग जैसे लोगों पर भरोसा करना डर रहे हैं। लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
विशेषज्ञों की राय
रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के मामले से पूरे रियल एस्टेट सेक्टर की छवि खराब होती है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी निवेश से पहले पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लें।
आगे का रास्ता
अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई करती है। क्या प्रखर गर्ग को सजा होगी? क्या पीड़ितों को अपना पैसा वापस मिलेगा? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में ही मिल पाएंगे।
यह मामला एक बार फिर हमें याद दिलाता है कि निवेश करने से पहले सावधान रहना बहुत जरूरी है।