आगरा, 19 दिसंबर 2024:
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा के चिकित्सकों ने एक 10 वर्षीय बच्ची की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। बच्ची के खाने की नली में बैटरी सेल फंस जाने के कारण उसे खाने-पीने में गंभीर कठिनाई हो रही थी। ईएनटी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अखिल प्रताप द्वारा बच्ची को मेडिसिन विभाग की एंडोस्कोपी यूनिट में भेजा गया।
एंडोस्कोपी प्रक्रिया और सफलता
बच्ची की स्थिति को देखते हुए तुरंत एंडोस्कोपी प्रक्रिया शुरू की गई।
- डॉ. सूर्य कमल वर्मा, सहायक प्रोफेसर एवं प्रभारी, जीआई यूनिट, ने एंडोस्कोपी के माध्यम से बच्ची की खाने की नली से दो सेंटीमीटर लंबी बैटरी सेल को सफलतापूर्वक निकाला।
- एंडोस्कोपी प्रक्रिया के दौरान तकनीशियन पंकज शर्मा ने भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
बैटरी सेल से हुई क्षति और उपचार
बैटरी सेल में मौजूद केमिकल्स के कारण बच्ची की खाने की नली में अल्सर हो गए थे। डॉक्टरों ने तुरंत उपचार शुरू कर बच्ची को ठीक करने की प्रक्रिया तेज की।
प्राचार्य का संदेश
एस.एन. मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने इस सफल ऑपरेशन के लिए डॉक्टर्स और एंडोस्कोपी यूनिट की पूरी टीम की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह टीम की तत्परता और विशेषज्ञता का परिणाम है, जिससे बच्ची को नया जीवन मिल सका।
महत्वपूर्ण संदेश
चिकित्सकों ने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को बैटरी जैसे छोटे और हानिकारक वस्तुओं से दूर रखें, क्योंकि ऐसी घटनाएं जानलेवा साबित हो सकती हैं।