गोवर्धन। श्री गिरिराज महाराज की जयकारों से गूंजते हुए सात कोस की परिक्रमा में भक्तों ने अपार आनंद का अनुभव किया। आगरा समेत विभिन्न स्थानों से आए श्रद्धालुओं ने गिरिराज जी की दुग्धधार परिक्रमा कर महोत्सव का शुभारंभ किया।
श्री गिरिराज जी सेवा मंडल परिवार द्वारा आयोजित इस 16वें दिव्य छप्पन भोग महोत्सव की शुरुआत चांदी की पालकी में ठाकुर जी की शोभायात्रा से हुई। संस्थापक नितेश अग्रवाल ने बताया कि गोवर्धन तलहटी स्थित छप्पन भोग स्थल पर सहस्त्रनाम पाठ, 151 लीटर दूध, पंचामृत, तुलसी दल और विभिन्न कुंडों के जल से अभिषेक कर भव्य पूजा-अर्चना संपन्न हुई।
अध्यक्ष अजय सिंघल ने जानकारी दी कि गुरु कार्ष्णि आश्रम को 11 हजार किलो व्यंजनों के छप्पन भोग, विभिन्न फूलों और फलों से सजाया गया है। इस बार क्षीरसागर की थीम पर कोलकाता के कारीगरों ने भव्य फूल बंगला तैयार किया है, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
विशेष आकर्षण और आयोजन
- भजन संध्या और महाआरती: रात में गिरिराज महाराज की महाआरती और भक्ति संगीत कार्यक्रम होंगे।
- राजस्थानी थीम और लोक कला प्रदर्शन: कठपुतली शो और लोक नृत्य कला का विशेष कार्यक्रम रखा गया है।
- साधु सेवा और महाप्रसादम: श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद और साधु सेवा का व्यापक प्रबंध किया गया है।
द्वारिकाधीश मंदिर, मथुरा के महंत शरद शंकर ने गिरिराज महाराज को रत्नों से जड़ी पोशाक पहनाई। सह-संस्थापक मयंक अग्रवाल ने बताया कि दोपहर 12 बजे से छप्पन भोग और फूल बंगले के दर्शन खुले रहेंगे।
उल्लेखनीय उपस्थिति
इस आयोजन में विकास वर्मा, अजय सिंघल, मयंक जैन, विजय बंसल, अतुल गोयल, संतोष मित्तल, नीरज मित्तल समेत बड़ी संख्या में भक्त शामिल हुए। महिलाओं और बच्चों ने भी विशेष उत्साह दिखाया।
समर्पण और आस्था का संगम
छप्पन भोग महोत्सव ने श्रद्धालुओं के लिए एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान किया। गिरिराज महाराज की कृपा और भक्तों की आस्था ने इस आयोजन को यादगार बना दिया।