अनीता आनंद ने कनाडाई प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को किया अलग
टोरंटो, कनाडा: भारतीय मूल की कनाडाई परिवहन मंत्री अनीता आनंद ने प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया है। यह फैसला तब आया जब वर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने इस्तीफे की घोषणा की, जिससे कनाडाई राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत मिल रहे हैं। आनंद ने अपने इस निर्णय की घोषणा शनिवार दोपहर सोशल मीडिया पर की और बताया कि वह अपने पिछले पेशेवर जीवन में लौटना चाहती हैं, जो शिक्षण, अनुसंधान और सार्वजनिक नीति विश्लेषण से जुड़ा हुआ है।
विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी की चुनौतियां
लिबरल पार्टी के भीतर नेतृत्व के संकट के बीच, विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी और उनके नेता पियरे मार्सेल पोइलिवरे की लोकप्रियता बढ़ रही है, जिससे चुनाव की स्थितियां जटिल हो गई हैं। इस राजनीतिक परिदृश्य में, लिबरल पार्टी को नया नेतृत्व खोजने की आवश्यकता है जो पार्टी को एकजुट रख सके और आगामी चुनावों में प्रभावी प्रदर्शन कर सके।
अन्य प्रमुख नेताओं का निर्णय
अनीता आनंद के अलावा, विदेश मंत्री मेलानी जोली और वित्त मंत्री डोमिनिक लेब्लांक ने भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया है। इन निर्णयों के साथ, लिबरल पार्टी के लिए नए नेता का चयन और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
अनीता आनंद की पृष्ठभूमि
व्यवसाय और वित्त कानून की विशेषज्ञ अनीता आनंद टोरंटो विश्वविद्यालय में स्थायी कानून प्रोफेसर थीं। उन्होंने 2019 में राजनीति में कदम रखा और ओंटारियो के ओकविले से सांसद बनीं। कोविड-19 महामारी के दौरान, उन्होंने सुनिश्चित किया कि कनाडा के पास पर्याप्त चिकित्सा उपकरण और टीके उपलब्ध हों। उनके पिता, एस.वी. आनंद, तमिलनाडु के स्वतंत्रता सेनानी वी.ए. सुंदरम के बेटे थे, और उनकी मां, सरोज राम, पंजाब से थीं।
समर्थकों के लिए संदेश
आनंद ने अपने समर्थकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “मेरे पहले चुनाव अभियान के दौरान, कई लोगों ने कहा कि भारतीय मूल की एक महिला ओकविले, ओंटारियो से निर्वाचित नहीं हो सकती। फिर भी, ओकविले ने 2019 के बाद से दो बार मेरे साथ खड़ा होकर मुझे समर्थन दिया, यह एक सम्मान है जिसे मैं हमेशा अपने दिल में संजोकर रखूंगी।”
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
अनीता आनंद का यह निर्णय लिबरल पार्टी के लिए नई चुनौतियां और संभावनाएं लेकर आया है। पार्टी को अब एक नए नेता की तलाश करनी होगी जो आगामी चुनावों में पार्टी को सफलता दिला सके। आनंद का यह निर्णय व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन के संतुलन को दर्शाता है और इस कठिन राजनीतिक परिदृश्य में सार्वजनिक सेवाओं के महत्व को रेखांकित करता है।
इस घटनाक्रम से साफ है कि कनाडा की राजनीति में आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण और परिवर्तनशील हो सकते हैं। अनीता आनंद का योगदान और उनके द्वारा ली गई जिम्मेदारियां आने वाले समय में भी प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।
कनाडाई राजनीति में आए इस बदलाव का असर और इसके पीछे के कारण आने वाले समय में स्पष्ट होंगे। अनीता आनंद का यह निर्णय उनके समर्थकों और कनाडाई नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि सार्वजनिक सेवा के लिए समर्पण और व्यक्तिगत संतुलन दोनों ही आवश्यक हैं। उनकी यात्रा और योगदान अन्य महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदायों के लिए प्रेरणादायक हैं, जो सार्वजनिक जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने की आकांक्षा रखते हैं।