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“लिव-इन पार्टनरशिप में 5 सालों तक साथ रहने के बाद शव को 8 महीने तक फ्रिज में रखा”

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मध्य प्रदेश के देवास में घटित एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। एक शादीशुदा व्यक्ति, संजय पाटीदार, ने अपनी लिव-इन पार्टनर पिंकी प्रजापति की हत्या कर उसके शव को आठ महीने तक फ्रिज में छिपाकर रखा। इस घटना का पर्दाफाश तब हुआ जब शव की दुर्गंध से परेशान पड़ोसियों ने मकान मालिक को इसकी सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

घटना का विवरण:

संजय पाटीदार और पिंकी प्रजापति पांच सालों तक एक साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहे। पिंकी शादी करना चाहती थी और इस मुद्दे पर संजय पर दबाव डाल रही थी। इसी वजह से संजय ने क्रूर कदम उठाया और पिंकी की हत्या कर दी। हत्या के बाद, संजय ने पिंकी के शव को एक किराए के घर में फ्रिज में छिपा दिया।

जब पड़ोसियों ने दुर्गंध की शिकायत की और मकान मालिक को सूचित किया, तब इस मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने मौके पर पहुँच कर शव बरामद किया और पाया कि पिंकी के गले में फंदा बंधा हुआ था और उसका शरीर आभूषणों से सजा हुआ था।

पुलिस की कार्रवाई:

पुलिस ने मामला दर्ज कर संजय पाटीदार को गिरफ्तार कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि संजय ने हत्या के बाद अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ दिया था और पिंकी के साथ रह रहा था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की जांच की जा रही है।

सामाजिक और मानसिक प्रभाव:

इस घटना ने समाज में लिव-इन रिलेशनशिप और विवाह के मुद्दों को लेकर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है। लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या सिर्फ शादी का दबाव बनाने के कारण कोई व्यक्ति इतनी क्रूरता पर उतर सकता है? इस घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि प्यार और भरोसे के रिश्तों में भी ऐसी हिंसा कैसे हो सकती है।

मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण:

मनोवैज्ञानिक इस घटना को लेकर अपनी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ का मानना है कि यह घटना मानसिक अस्थिरता और आवेगशीलता का परिणाम है, जबकि अन्य का कहना है कि यह प्रेम और भरोसे के रिश्ते में उत्पन्न तनाव और दबाव का नतीजा हो सकता है।

सामाजिक प्रतिक्रिया:

इस घटना ने समाज को हिला कर रख दिया है और लोग सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि इस तरह की घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है। विभिन्न सामाजिक संगठनों और महिला अधिकार संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और सरकार से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।

मीडिया की भूमिका:

मीडिया ने इस घटना को व्यापक रूप से कवर किया है और इसे राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बना दिया है। विभिन्न समाचार चैनलों और अखबारों ने इस घटना को प्रमुखता से प्रकाशित किया है, जिससे लोग इस बारे में जागरूक हो रहे हैं।

न्यायिक प्रक्रिया:

इस घटना के बाद, अब न्यायिक प्रक्रिया शुरू हो गई है और संजय पाटीदार के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जा रही है। न्यायालय में इस मामले की सुनवाई के दौरान यह देखा जाएगा कि किस तरह की सजा संजय को दी जाती है और इस घटना के पीछे के सभी तथ्य और परिस्थितियाँ सामने लाई जाएंगी।

सुधारात्मक उपाय:

समाज को इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि इस तरह की हिंसा और क्रूरता को रोका जा सके। इसके लिए लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझना होगा और इस तरह की समस्याओं से जूझ रहे लोगों की मदद करनी होगी।

इसके अलावा, सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने चाहिए और लोगों को शिक्षित करना चाहिए कि कैसे वे अपने रिश्तों को स्वस्थ और मजबूत बना सकते हैं।

इस घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि प्यार और रिश्तों में भी विश्वास और समझदारी की जरूरत होती है। हमें चाहिए कि हम अपने रिश्तों को स्वस्थ और प्यार भरा बनाए रखें ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।

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