पिथौरागढ़ में प्रादेशिक सेवा भर्ती: उम्मीद से ज्यादा भीड़ के चलते प्रशासन के इंतजाम फेल
पिथौरागढ़ में 133 पदों के लिए आयोजित प्रादेशिक सेवा भर्ती प्रक्रिया अव्यवस्था का शिकार हो गई। प्रशासन ने प्रक्रिया को व्यवस्थित तरीके से आयोजित करने के लिए पहले से व्यापक इंतजाम किए थे, लेकिन उम्मीद से ज्यादा भीड़ के चलते ये सभी इंतजाम नाकाफी साबित हुए।
दूर-दराज से आए उम्मीदवारों की भीड़
भर्ती प्रक्रिया में न केवल उत्तराखंड बल्कि उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार शामिल हुए। युवाओं की संख्या इतनी अधिक थी कि प्रक्रिया स्थल पर प्रवेश और कतारबद्ध व्यवस्था पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गई।
प्रशासनिक तैयारियां और असफलता
प्रशासन ने भर्ती प्रक्रिया के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं जैसे सुरक्षा, लाइन प्रबंधन और दस्तावेज़ सत्यापन के इंतजाम किए थे। हालांकि, उम्मीद से ज्यादा भीड़ ने इन सभी तैयारियों को असफल साबित कर दिया। कतारों में लगने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा, जिससे उम्मीदवारों में असंतोष बढ़ गया।
पुलिस बल ने संभाला मोर्चा
स्थिति बेकाबू होती देख प्रशासन ने अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस ने उम्मीदवारों से संयम बनाए रखने की अपील की और व्यवस्था को सुचारू बनाने का प्रयास किया। हालांकि, कुछ स्थानों पर हल्का हंगामा हुआ, लेकिन इसे समय रहते काबू में कर लिया गया।
युवाओं की शिकायतें
दूर-दराज से आए युवाओं ने अव्यवस्था पर नाराजगी जाहिर की। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आए उम्मीदवारों ने कहा कि लंबे सफर के बाद उन्हें यहां अव्यवस्थित माहौल का सामना करना पड़ा। कई उम्मीदवारों ने पानी, भोजन और आराम की सुविधा की कमी पर भी सवाल उठाए।
भर्ती प्रक्रिया का संचालन
इन अव्यवस्थाओं के बावजूद, प्रशासन ने निर्धारित समय पर भर्ती प्रक्रिया को पूरा किया। अधिकारियों ने प्रक्रिया के निष्पक्ष और पारदर्शी रहने का आश्वासन दिया।
इस घटना ने प्रशासन को भविष्य के लिए एक सीख दी है। भविष्य में इस तरह की भर्तियों के आयोजन के दौरान उम्मीदवारों की संख्या का बेहतर आंकलन किया जाना चाहिए। साथ ही, उम्मीदवारों के लिए बुनियादी सुविधाओं पर विशेष ध्यान देना जरूरी है।