चीन ने की पाकिस्तान की बेइज्जती! नए ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ‘दान’ बताया, भड़के पाकिस्तानी
भारत के दो पड़ोसी, चीन और पाकिस्तान, वर्षों से घनिष्ठ मित्रता के बंधन में बंधे हुए हैं। इस गठबंधन का आधार मुख्य रूप से आर्थिक और राजनीतिक सहयोग है, जिसमें चीन का पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश शामिल है। हाल ही में, 20 जनवरी 2025 को, पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) का विमान नए ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा। यह एयरपोर्ट चीन के आर्थिक सहयोग से बना है, और इसका उद्घाटन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया था।
हालांकि, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा इस नए एयरपोर्ट को “दान” करार देने से पाकिस्तान में भारी नाराजगी उत्पन्न हुई। पाकिस्तानियों ने इसे राष्ट्रीय अपमान माना और सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। इस लेख में, हम इस घटना का विस्तार से विश्लेषण करेंगे और इसके पीछे के कारणों का पता लगाएंगे।
ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत
ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की आधारशिला मार्च 2019 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रखी थी। इसके निर्माण के लिए चीन ने 230 मिलियन अमरीकी डॉलर का अनुदान दिया था। एयरपोर्ट का उद्घाटन अक्टूबर 2024 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने किया था। यह एयरपोर्ट ग्वादर बंदरगाह के पास स्थित है, जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
ग्लोबल टाइम्स की विवादित टिप्पणी
चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को “दान” करार दिया, जिससे पाकिस्तान में भारी नाराजगी देखी गई। एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट में लिखा गया था कि चीन द्वारा दान किया गया नया ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सोमवार को आधिकारिक तौर पर चालू हो गया। कराची से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की पहली उड़ान PIA503, नए उद्घाटन किए गए हवाई अड्डे पर पहुंची।
इस टिप्पणी को पाकिस्तानी नागरिकों ने राष्ट्रीय अपमान माना और उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। लोगों का मानना है कि चीन ने इस एयरपोर्ट का निर्माण अपनी आर्थिक और राजनीतिक लाभों के लिए किया है और इसे “दान” करार देना पाकिस्तान के स्वाभिमान के खिलाफ है। बलोचिस्तान के नेताओं ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि चीनी पैसों से बना यह एयरपोर्ट CPEC का हिस्सा है और बलोचिस्तान राष्ट्र इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।
चीनी निवेश और पाकिस्तान में इसकी भूमिका
पाकिस्तान और चीन के बीच आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते गहरे हैं। चीन ने पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर निवेश किया है और इसकी कई परियोजनाएं, विशेष रूप से CPEC, दोनों देशों के बीच के रिश्तों को और मजबूत करती हैं। CPEC के तहत, ग्वादर बंदरगाह और ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चीन के आर्थिक सहयोग से हुआ है।
ग्वादर बंदरगाह का निर्माण चीन ने अपने भू-राजनीतिक और आर्थिक हितों के तहत किया है। इसका उद्देश्य पश्चिमी चीन को अरब सागर से जोड़ना और चीन के व्यापार मार्ग को कम करना है। इसके तहत, ग्वादर में एक बंदरगाह, एक हवाई अड्डे के अलावा रेलवे और राजमार्गों का विकास भी शामिल है। यह परियोजना पाकिस्तान के लिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार की संभावना है।
ग्वादर में चीनी रणनीति
ग्वादर बंदरगाह और एयरपोर्ट का निर्माण चीन की रणनीतिक योजनाओं का हिस्सा है। ग्वादर बंदरगाह को एक रणनीतिक बंदरगाह के रूप में विकसित किया गया है, जो पश्चिम एशिया, अफ्रीका और यूरोप के लिए चीन के व्यापार मार्ग को कम करने में मदद करेगा। इसके साथ ही, चीन ने ग्वादर में रेलवे और राजमार्गों के विकास की भी योजना बनाई है, जिससे व्यापार और परिवहन को और अधिक सुविधा मिलेगी।
पाकिस्तानी नागरिकों की नाराजगी
ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को “दान” करार देने से पाकिस्तानी नागरिकों में नाराजगी देखी गई। लोगों का मानना है कि यह एयरपोर्ट पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण है और इसे दान करार देना राष्ट्रीय स्वाभिमान के खिलाफ है। बलोचिस्तान के नेताओं ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि चीनी पैसों से बना यह एयरपोर्ट CPEC का हिस्सा है और बलोचिस्तान राष्ट्र इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा।
चीनी निवेश के प्रभाव
चीन का पाकिस्तान में निवेश विशेष रूप से CPEC परियोजनाओं के तहत काफी महत्वपूर्ण है। इसके तहत ग्वादर बंदरगाह, ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, और कई अन्य परियोजनाओं का विकास शामिल है। चीन ने पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी मकरान तट पर स्थित ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का निर्माण 230 मिलियन अमरीकी डॉलर के अनुदान से किया है। यह एयरपोर्ट चीन और पाकिस्तान के बीच व्यापार और परिवहन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
चीन-पाकिस्तान संबंधों का भविष्य
ग्लोबल टाइम्स की विवादित टिप्पणी के बाद चीन और पाकिस्तान के रिश्तों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तानियों का मानना है कि यह एयरपोर्ट उनकी राष्ट्रीय स्वाभिमान का हिस्सा है और इसे “दान” करार देना अनुचित है। इससे दोनों देशों के बीच के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, चीन और पाकिस्तान के बीच मजबूत आर्थिक और राजनीतिक रिश्ते हैं, जिससे यह संभावना है कि दोनों देश इस विवाद को सुलझाने के लिए बातचीत करेंगे।
ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की शुरुआत पाकिस्तान और चीन के बीच के गहरे आर्थिक और राजनीतिक रिश्तों का प्रतीक है। हालांकि, ग्लोबल टाइम्स की विवादित टिप्पणी ने पाकिस्तान में नाराजगी उत्पन्न की है और इससे दोनों देशों के बीच के रिश्तों पर असर पड़ सकता है। पाकिस्तानियों का मानना है कि यह एयरपोर्ट उनकी राष्ट्रीय स्वाभिमान का हिस्सा है और इसे “दान” करार देना अनुचित है। चीन और पाकिस्तान के बीच इस तरह की घटनाएं भविष्य में उनके रिश्तों को और प्रभावित कर सकती हैं।
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