लखनऊ: मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति के सुझावों के आधार पर मरीजों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
क्या है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी?
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी एक दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है जिसमें शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और खराब हो जाती हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को दैनिक गतिविधियों को करने में काफी मुश्किल होती है।
समिति का गठन:
डिप्टी सीएम ने इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में चिकित्सा शिक्षा विभाग की सचिव अपर्णा यू को अध्यक्ष बनाया गया है। समिति के अन्य सदस्यों में चिकित्सा शिक्षा विभाग की विशेष सचिव कृतिका शर्मा, केजीएमयू के कुलपति, आरएमएल के निदेशक, एसजीपीजीआई के निदेशक और दिव्यांगजन शक्तिकरण विभाग द्वारा नामित अधिकारी शामिल हैं।
समिति का काम:
यह समिति मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए बेहतर इलाज के उपाय सुझाएगी। समिति यह भी सुझाव देगी कि मरीजों को किन-किन सुविधाओं की आवश्यकता है और सरकार इन सुविधाओं को कैसे उपलब्ध करा सकती है।
सरकार की प्रतिबद्धता:
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा है कि सरकार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बीमारी से पीड़ित मरीजों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
यह फैसला मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए एक बड़ी राहत है। इससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा और वे एक बेहतर जीवन जी सकेंगे। यह फैसला यह भी दर्शाता है कि सरकार दुर्लभ बीमारियों से पीड़ित लोगों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है।
आगे का रास्ता:
अब इस समिति को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी है। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए एक व्यापक नीति तैयार करेगी।
यह खबर उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित हैं या इस बीमारी से पीड़ित किसी व्यक्ति को जानते हैं।
मुख्य बिंदु:
- डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए एक समिति का गठन किया है।
- यह समिति मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने के उपाय सुझाएगी।
- सरकार मरीजों को निःशुल्क और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
- यह फैसला मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित मरीजों के लिए एक बड़ी राहत है।
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