प्रयागराज के कालिंदीपुरम इलाके में एक दंपती साइबर अपराधियों के आतंक के कारण लगभग ढाई महीने तक अपने घर में कैद रहे। अज्ञात नंबरों से आ रहे फोन कॉल्स और धमकियों ने उन्हें इस कदर डरा दिया कि मोबाइल की घंटी बजते ही उनका शरीर कांपने लगता था। अपराधियों ने दंपती से 3.80 लाख रुपये ठग लिए।
घटना का विवरण
- आरोपियों की धमकी:
3 सितंबर को दंपती को अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉलर ने खुद को सीबीआई कमिश्नर कबीर सिंह बताया और कहा कि उनके आधार कार्ड का उपयोग अवैध गतिविधियों में हुआ है। गिरफ्तारी से बचने के लिए तुरंत पैसे देने की मांग की गई। - पैसे का लेन-देन:
अगले दिन दंपती ने अपराधियों द्वारा बताए गए खाते में 3.80 लाख रुपये आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर कर दिए।
दंपती पर धमकियों का असर
साइबर अपराधियों ने धमकी दी कि यदि उन्होंने किसी को घटना के बारे में बताया, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके डर से दंपती ने घर से बाहर निकलना लगभग बंद कर दिया और जरूरत पड़ने पर ही निकलते थे।
पुलिस की कार्रवाई
- दंपती की शिकायत पर धूमनगंज थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
- इंस्पेक्टर अमरनाथ राय ने बताया कि यदि दंपती समय पर पुलिस को सूचना देते, तो पैसे बचाए जा सकते थे। अब मामले की जांच जारी है।
सतर्कता के उपाय:
- अंजान नंबर से कॉल पर सावधान रहें।
- किसी भी धमकी भरे कॉल या मैसेज के बारे में तुरंत पुलिस को सूचना दें।
- अज्ञात खातों में पैसे ट्रांसफर न करें।
- एपीके फाइल्स या संदिग्ध लिंक को कभी न खोलें।
दूसरे मामलों में साइबर अपराध:
- वाट्सएप हैकिंग:
- बेली के छात्र अनुज यादव का वाट्सएप हैक कर उससे जुड़े संपर्कों से ठगी की कोशिश की गई।
- शिक्षक जोएल जैकब लारेंस के वाट्सएप अकाउंट को लिंक के जरिए हैक कर उनके संपर्कों से बीमारी का बहाना बनाकर पैसे मांगे गए।
- साइबर सेल की सफलता:
- दोनों मामलों में पुलिस साइबर सेल ने वाट्सएप डेटा रिकवर कराकर ठगी से बचाया।
साइबर अपराधों में तेजी से हो रही वृद्धि सभी के लिए चेतावनी है कि ऑनलाइन किसी भी संदिग्ध गतिविधि को अनदेखा न करें और तुरंत संबंधित अधिकारियों से संपर्क करें।