महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल अपने चरम पर है, और नई सरकार के गठन की तारीख पक्की हो गई है। राज्य में 5 दिसंबर को नई सरकार का गठन होगा, और मुख्यमंत्री पद के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है।
महायुति गठबंधन की बैठक और सहमति
नई सरकार के गठन को लेकर महायुति गठबंधन के तीन प्रमुख नेता—देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और एकनाथ शिंदे—ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस बैठक में विभागों के बंटवारे को लेकर सहमति बन चुकी है। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के चेहरे का आधिकारिक ऐलान अभी तक नहीं हुआ है।
भाजपा की मजबूत स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को जबरदस्त जीत हासिल हुई है। गठबंधन ने 288 में से 236 सीटों पर विजय पाई है। इनमें से भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती हैं, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को 41 सीटें मिली हैं।
विपक्ष की करारी हार
महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को इस चुनाव में बड़ा झटका लगा है। यह गठबंधन केवल 48 सीटों तक सिमट कर रह गया। उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने 20 सीटें जीतीं, कांग्रेस ने 16 और शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) ने केवल 10 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके अलावा, समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिलीं।
देवेंद्र फडणवीस सबसे प्रबल दावेदार
भाजपा के सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में देवेंद्र फडणवीस सबसे आगे हैं। फडणवीस पहले भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और अपनी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। भाजपा की इस प्रचंड जीत के बाद उनका नाम स्वाभाविक रूप से सबसे ऊपर आ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञों का मानना है कि महायुति गठबंधन की यह जीत जनता के बीच उनकी नीतियों और योजनाओं की स्वीकृति को दर्शाती है। साथ ही, विपक्षी गठबंधन की करारी हार उनके अंदरूनी मतभेद और कमजोर रणनीति का परिणाम मानी जा रही है।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन राज्य की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ेगा। 5 दिसंबर को जब नई सरकार की शपथ होगी, तो यह देखना दिलचस्प होगा कि मुख्यमंत्री के तौर पर किसे चुना जाता है और गठबंधन सरकार प्रदेश के विकास के लिए किस तरह काम करती है। देवेंद्र फडणवीस की संभावित वापसी ने भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह भर दिया है, और महायुति गठबंधन के सामने अब जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है।