नहरों की सफाई में अनियमितताओं से किसानों को भारी नुकसान
आगरा के किरावली तहसील के मंगूरा गांव में आगरा रजवाहा की पटरी टूटने से किसानों के खेत जलमग्न हो गए। यह स्थिति नहरों की सफाई में हुई अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के चलते बनी। गोपऊ माइनर की पटरी टूटने की घटना के बाद यह दूसरा बड़ा मामला है, जिसमें सिंचाई विभाग की लापरवाही स्पष्ट रूप से उजागर हो रही है।
घटनाक्रम का सारांश
- खेतों में पानी भरने की समस्या:
- किसानों ने सुबह अपने खेतों को पानी में डूबा देखा।
- उनके प्रयासों के बावजूद खेतों से पानी नहीं निकाला जा सका।
- सफाई में अनियमितता:
- नहरों की सफाई के नाम पर घास की छिलाई मात्र हुई।
- पटरियों की मरम्मत और सफाई मानकों को नजरअंदाज किया गया।
- विभागीय लापरवाही:
- सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण में अनियमितताओं पर ध्यान नहीं दिया।
- कमजोर पटरियों में पानी छोड़ा गया, जो घटना का मुख्य कारण बना।
विपक्ष का आरोप और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता
- विपक्ष के आरोप:
समाजवादी पार्टी और अन्य किसान संगठनों ने इसे भाजपा सरकार की नाकामी करार दिया। उनका कहना है कि “सबका साथ-सबका विकास” केवल एक नारा बनकर रह गया है। - जनप्रतिनिधियों की चुप्पी:
विपक्ष का कहना है कि भाजपा के सांसद और विधायक किसानों की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं।
आगे की कार्रवाई और चेतावनी
- किसानों का आंदोलन:
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने चेतावनी दी है कि यदि समस्या का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो तहसीलों का घेराव किया जाएगा।
निष्कर्ष
नहरों की सफाई और मरम्मत में लापरवाही न केवल विभागीय भ्रष्टाचार को दर्शाती है, बल्कि किसानों की आजीविका पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है। प्रशासन को शीघ्र ही इस मामले में कार्रवाई कर दोषियों को दंडित करना चाहिए और किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।