28 अक्टूबर 2024, आगरा।
मुश्किलों को दूर करवाने को जनप्रतिनिधियों के साथ मुश्किलें साझा की जाय
आगरा में ताजमहल का दीदार आकाश से करने को हेलीकॉप्टर सेवा यथा शीघ्र शुरू करवायी जाये ,इसके लिये हेलीपोर्ट बना खड़ा है,बस उसका उपयोग शुरू करने के लिए औपचारिकताएं पूरी होनी हैं। ये क्या हैं और उन्हें पूरा करने के लिये हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट की डी पी आर ( detailed project report ) में क्या कमियां रह गई हैं यह तो इस प्रोजेक्ट को कार्यदायी विभाग की भूमिका निर्वाहन करने वाला उप्र पर्यटन विभाग या उ प्र नागरिक पर्यटन विभाग ही जानता होगा।
जनप्रतिनिधियों से मुश्किलें साझा की जायें
जहां तक सिविल सोसायटी आफ आगरा की उप्र सरकार के संबंधित विभागों से अपेक्षा है कि हेलीपोर्ट संचालन में हो रही विलंब के कारणों की जानकारी सार्वजनिक की जाए,अगर यह संभव नहीं हो तो कम से कम आगरा के जनप्रतिनिधियों को इस बारे में जरूर बताया जाये।
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने कहा है कि चूंकि हैलीपोर्ट का शिलान्यास प्रधानमंत्री के द्वारा किया हुआ है,इस लिये उम्मीद है कि इसको फंक्शनल (functional) करने के लिये सभी जरूरी औचारिकतायें पूरी कर ली गई होंगी। अब तक रही परंपराओं के अनुसार पी एम ओ औपचारिकताओं के पूरा हो लेने के बाद ही किसी प्रोजेक्ट के शिलान्यास और उद्घाटन के लिये प्रक्रिया को आगे बढाता है।
जनप्रतिनिधि लगातार प्रधान मंत्री व मुख्यमंत्री से मुलाकात करते रहते है और गंगाजल पाइप लाइन प्रोजेक्ट सहित उनकी कई महत्वपूर्ण कार्यों को शुरू करवाने में भूमिकायें रहना प्रचारित हैं। निश्चित रूप से अगर उन्हें व्यवधान बताये जायें तो वह शीघ्र ही उनका निराकरण कर समाधान करवाने को सक्रिय हो जायेंगे। अगर उनके द्वारा प्रधानमंत्री को यह इस बात का स्मरण करवाया जाएगा कि इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास उनके ही द्वारा किया गया था । यह ताजमहल के अलावा बटेश्वर और मथुरा तीर्थ के लिए भी महत्वपूर्ण है तो वह निश्चित रूप से इसे शुरू करवाने को निर्देश देकर विलंबित हो रही प्रक्रिया की औपचारिकता को शीघ्रता के साथ पूरा करवा हेलीकॉप्टर से ‘ताज दर्शन’ सुविधा भी संभव करवा देगे।
महत्वपूर्ण अवस्थापना
आगरा सदर तहसील के बरौली अहीर विकास खंड के यमुना तटीय गांव मदरा में स्थित हेलीपोर्ट आगरा महानगर की महत्वपूर्ण अवस्थापना है और अगर इसका संचालन शुरू हो गया तो मथुरा,वृंदावन और बटेश्वर तीर्थ पर्यटन स्थल के रूप में लाभान्वित होंगे। साथ ही स्विट्जरलैंड की कंपनी, ज्यूरिख इंटरनेशनल की शत प्रतिशत निवेश वाले गौतम बुद्ध नगर के जेवर विकास खंड में एयरपोर्ट (Noida International Airport. ) से फ्लाइट पकड़ने के लिये भी देशी-विदेशी पर्यटको सहित तमाम हवाई यात्रियों को भी सुविधा सहज सुलभ हो जायगी। वह आगरा भ्रमण कर बिना समय गंवाए हेलीकॉप्टर से उड़ान भर कर अपने इंटरनेशनल गंतव्यों को रवाना हो सकेंगे या आगरा आ सकेंगे।
नो फ्लाई जोन
सिविल सोसायटी आफ आगरा का कहना है कि देश में राष्ट्रपति भवन,संसद भवन सहित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष स्टेशन, मथुरा रिफाइनरी सहित जो नो फ्लाई जोन हैं, उन्हीं में ताजमहल स्काई कवर भी शामिल है। जनप्रतिनिधि यदि संयुक्त रूप से प्रयास करेंगे तो ताजमहल को ‘नो फ्लाई जोन’ की सूची से एक्सलूड (excluded) तक किया जा सकता है, अन्यथा हेलीपोर्ट संचालन के लिए नो फ्लाई जोन रैग्युलेशनों (regulation) में जरूरी संशोधन तो करवाये ही जा सकते हैं।
संभवत: नो फ्लाई जोन और ताज ट्रिपेजियम जोन अथॉरिटी की अनुमतियां न होना ही इसके संचालन में मुख्य बाधा है। नो फ्लाइजोन जो कि कुछ साल पूर्व तक केवल हवाई जहाजों और और हेलीकॉप्टरों की उड़ानों तक ही सीमित थे अब इनमें ड्रोन (drone) उडाने पर भी पाबंदी लग चुकी है। लेकिन अगर सरकार के समक्ष आगरा के पर्यटन की जरूरत को सही प्रकार से रखा जा सका तो निश्चित रूप से कई प्रतिबंधों में सरकार सहजता के साथ शिथिलता प्रदान कर देगी।
वैसे नो फ्लाई जोन के प्रतिबंध की औपचारिकता के अलावा उड़ानों के वैट लैंड और सेंचुरियों के इको सेंसिटिव जोनों के ऊपर से होकर उड़ान भरने पर अगर पर्यावरण प्रतिकूल होने की जानकारी संज्ञान में आने पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 का उल्लंघन करने के लिए सख्त दंड लगा सकता है।
गांव में बेचैनी
ताजमहल और हेलीपोर्ट जो कि मंदरा गांव में स्थित है,दोनो ही यमुना तटिय हैं। हेलीपोर्ट प्रोजेक्ट में हो रहे विलंब से गांव में बेहद निराशा है। गांव के प्रधान बाबू लाल यादव का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि हेलीपोर्ट जरूर शुरू होगा, इस प्रोजेक्ट के लिए गांव वालों को जो देना था,दे चुके हैं। खेती गांव का प्रमुख जीवन यापन का माध्यम था,जमीने चली जाने के बाद अब केवल प्रतीकात्मक ही रह गया है। पुरखों की विरासत ऐतिहासिक विरासत को बचाने के लिये खोई है। जिस काम के लिये उनसे जमीन ली गई है,कम से कम वह तो शुरू हो।
गांव के वर्क लेस हैंडों को मिले काम
प्रधान बाबू लाल यादव चाहते हैं कि गांव के बेरोजगार युवाओं को ही हेलीपोर्ट के कार्य शुरू होने पर काम देने में प्राथमिकता दी जाये। फतेहपुर सीकरी क्षेत्र के सांसद राजकुमार चाहर जो कि भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं ,के द्वारा हाल में ही संपन्न एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान स्थानीय ग्रामीण युवाओं को सरकारी परियोजना में काम के अवसर देने में प्राथमिकता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के समक्ष उठाया गया था। दरअसल हजारों लोगों की भागीदारी वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वर्चुअल मौजूदगी थी और चाहर क्षेत्रीय सांसद होने के नाते संवाद कर रहे थे।
सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा ने हेलीपोर्ट के गाँव मदरा में ग्राम प्रधान और निवासिओं से बात कर फीडबैक मुख्यमंत्री और सम्बंधित विभाग को प्रेषित किया है. सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के दल में अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना और असलम सलीमी थे.