- महिला की मौत के बाद स्टाफ सहित भागा छोलछाप
- डिप्टी CMO ने सील किया अस्पताल
- कुकुरमुत्ते की तरह फैले है झोलाछाप ग्रामीण क्षेत्रों मे
- स्वास्थ्य विभाग पर लगा लाखों कमाने के आरोप
15 अक्टूबर 2024, आगरा ।
जरार में झोलाछाप के अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत, हास्पिटल बंद कर भागा कथित डाक्टर
आगरा। बाह तहसील के जरार कस्बे में एक झोलाछाप डाक्टर के अस्पताल में डिलीवरी के दौरान 21 वर्ष की युवती की मृत्यु हो गई। मौत होने पर झोलाछाप ने महिला को आगरा के लिए रैफर किया था, लेकिन आगरा में उसे मृत बताए जाने पर परिजनों ने हंगामा किया। उधर डिप्टी सीएमओ जब तक मौके पर पहुंचे, झोलाछाप डाक्टर और उसके कथित अस्पताल का स्टाफ फरार हो चुका था। इस अस्पताल को सील कर दिया गया है।
जरार में झोलाछाप के अस्पताल में प्रसव के दौरान महिला की मौत, हास्पिटल बंद कर भागा कथित डाक्टर
जरार में प्रसव के दौरान मृत महिला ने इसी शिशु को जन्म दिया।
मृतका कोमल उर्फ कमला (21 वर्ष) पत्नी हरिओम, निवासी रानीपुरा, थाना चित्राहाट है। कमला ने एक शिशु को जन्म दिया है, जो स्वस्थ है। जरार स्थित झोलाछाप डाक्टर के अस्पताल का नाम ज्योति नर्सिंग होम है। एक चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि आशा कार्यकत्री इस गर्भवती महिला को प्रसव के लिए झोलाछाप डाक्टर के अस्पताल में लेकर पहुंची थी।
आशा कार्यकत्री ने कमीशन के लालच में ऐसा किया। महिला ने बच्चे को तो जन्म दिया, लेकिन अधिक रक्त स्राव के कारण उसकी हालत बिगड़ने लगी। झोलाछाप डाक्टर स्थिति को संभाल नहीं पाया और महिला मौत के मुंह में समा गई।
परिजनों का कहना है कि मौत तो अस्पताल में ही हो गई थी, लेकिन कथित डाक्टर और उसके स्टाफ ने गंभीर हालत की बात कहकर आगरा ले जाने के लिए बोल दिया था। महिला की मौत होने पर परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा, लेकिन तब तक कथित अस्पताल को बंद कर सभी भाग चुके थे। परिजनों ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है।
प्रसव के दौरान महिला की मौत की सूचना मिलने पर स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी सीएमओ धीरज लवानिया टीम के साथ मौके पर पहुंचे और परिवारीजनों से जानकारी हासिल की। टीम ने झोलाछाप डाक्टर के अस्पताल को सील कर दिया है।
महिला की मौत के बाद एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में आ गया है। बाह तहसील के कस्बों में कुकुरमुत्तों की तरह नर्सिंग होम खुले हुए हैं। जब कोई हादसा हो जाता है तो स्वास्थ्य विभाग औपचारिकता करने पहुंच जाता है। समय रहते ऐसे फर्जी अस्पतालों के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं होता।
लोगों का कहना है कि बाह के सीएचसी प्रभारी डा. जितेंद्र वर्मा कभी भी फर्जी अस्पतालों का निरीक्षण करने नहीं जाते। इसी वजह से थैलाछाप डाक्टर बाह क्षेत्र में फल-फूल रहे हैं।