नई दिल्ली, 14 मई 2025:
भारत के सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता और रणनीतिक कौशल का लोहा मनवाने वाले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने बताया है कि इस ऑपरेशन में भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए गए चीन और तुर्किये जैसे देशों के हथियारों को पूरी तरह नाकाम कर दिया। महज 23 मिनट के अंदर भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी एयर डिफेंस सिस्टम को चकमा देकर आतंकवादियों को सफलतापूर्वक सबक सिखाया।
पहलगाम हमले का जवाब और पाकिस्तान को करारा जवाब
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था। इस ऑपरेशन के दोहरे उद्देश्य थे – पहला, पाकिस्तान में पनाह पाए आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट करना और उन्हें सबक सिखाना, और दूसरा, पाकिस्तान को उसकी शह पर करारा जवाब देना। जब पाकिस्तान ने भारत की इस सैन्य कार्रवाई का जवाब देने के लिए अपने ‘सदाबहार’ मित्र चीन और सहयोगी तुर्किये से मिले अत्याधुनिक हथियारों का सहारा लिया, तो भारत के सामने उनके सभी हथियार अप्रभावी साबित हुए।
PIB का खुलासा: स्वदेशी रक्षा प्रणालियों का शानदार प्रदर्शन
प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को लेकर विस्तृत जानकारी साझा की है। PIB के खुलासे मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर में भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क ने शानदार और निर्णायक प्रदर्शन किया। ऐसे में, ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सैन्य अभियानों में तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन गया है। PIB ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने यह जवाबी कार्रवाई बेहद सटीक और रणनीतिक योजना के साथ की थी।
चीन के एयर डिफेंस सिस्टम को किया फेल
PIB ने विशेष रूप से बताया कि ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान को चीन से मिले एयर डिफेंस सिस्टम (वायु रक्षा प्रणाली) को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यह मिशन महज 23 मिनट में पूरा कर लिया गया, जो भारतीय वायुसेना की दक्षता और तकनीकी बढ़त को दर्शाता है।
तुर्किये के ड्रोन, चीनी मिसाइलों समेत कई हथियार तबाह
इस मिशन के दौरान भारत ने पाकिस्तान द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे कई विदेशी हथियारों को सफलतापूर्वक तबाह किया। इनमें चीन की पीएल-15 मिसाइलें, तुर्किये से मिले यिहा या यीहाव कहे जाने वाले ड्रोन (UAV), लंबे दूरी के रॉकेट, क्वाडकॉप्टर (ड्रोन का एक प्रकार) और वाणिज्यिक ड्रोन शामिल थे।
मलबे से पुष्टि, भारत का स्वदेशी नेटवर्क बेहतर
भारतीय बलों ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तबाह किए गए इन विदेशी हथियारों का मलबा भी बरामद किया। मलबे की जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि पाकिस्तान ने इन आतंकी ठिकानों की सुरक्षा और जवाबी हमले के लिए विदेश से मिले हथियारों का प्रयोग किया था, लेकिन इसके आगे भारत की स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध नेटवर्क कहीं ज्यादा बेहतर और प्रभावी साबित हुआ।
ISRO का योगदान: 10 सैटेलाइट्स से 24 घंटे नजर
PIB की ओर से जारी नोट में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के योगदान का भी जिक्र किया गया है। 11 मई को एक कार्यक्रम में इसरो के प्रमुख वी नारायणन ने बताया कि देश के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सैन्य अभियानों में सहायता के लिए कम से कम 10 भारतीय सैटेलाइट (उपग्रह) लगातार चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। इन सैटेलाइट्स ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 7000 किलोमीटर लंबे समुद्री तट और पूरे उत्तरी हिस्से पर लगातार पैनी नजर रखी, जिससे महत्वपूर्ण जानकारी मिलती रही।
भारत द्वारा इन हथियारों का प्रयोग
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया। इस ऑपरेशन में पिकोरा (Pecora), ओएसए-एके (OSA-AK), एलएलएडी गन (LLAD Gun) और आकाश मिसाइल (Akash Missile) जैसी प्रणालियों का प्रभावी इस्तेमाल किया गया। आकाश एक छोटी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है जो हवाई हमलों से संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा करने में सक्षम है। आकाश हथियार प्रणाली अपनी उन्नत क्षमताओं के कारण ग्रुप मोड या ऑटो मोड में एक साथ कई लक्ष्यों को निशाना बना सकती है और इसे मोबाइल प्लेटफॉर्म पर एकीकृत किया गया है।
भारतीय संपत्ति को कोई नुकसान नहीं
PIB ने जोर देकर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हमलों में भारतीय संपत्तियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। यह हमारी निगरानी, योजना निर्माण और हमले को अंजाम देने वाली प्रणालियों की उच्च प्रभावशीलता और सटीकता को दर्शाता है। लंबी दूरी के ड्रोन से लेकर गाइडेड युद्ध सामग्री (guided munitions) तक, आधुनिक स्वदेशी तकनीक के इस्तेमाल ने इन हमलों को अत्यंत प्रभावी बनाया।
स्वदेशी तकनीक में कामयाबी और 2030 का लक्ष्य
सूचना प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करने वाले PIB ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारत को स्वदेशी रक्षा तकनीक में महत्वपूर्ण कामयाबी हासिल करने में मदद की। निजी क्षेत्र के नवाचार, सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यान्वयन और सैन्य दृष्टिकोण के तालमेल ने भारत को न केवल अपने लोगों और क्षेत्र की रक्षा करने में सक्षम बनाया है, बल्कि 21वीं सदी में एक प्रमुख सैन्य ताकत के रूप में उसकी भूमिका को भी मजबूत किया है। भारत ने स्वदेशी रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने तथा भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए ड्रोन निर्माण के काम में तेजी ला दी है। ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया (DFI), 550 से अधिक ड्रोन कंपनियों और 5500 ड्रोन पायलटों के साथ मिलकर, 2030 तक भारत को वैश्विक ड्रोन हब बनाने का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य लेकर चल रहा है।
कुल मिलाकर, PIB का यह खुलासा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को भारत की बढ़ती सैन्य क्षमता, तकनीकी आत्मनिर्भरता और सटीक जवाबी कार्रवाई की क्षमता के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत करता है, जिसने पाकिस्तान के विदेशी हथियारों के भरोसे को ध्वस्त कर दिया।