खेल डेस्क, 14 मई 2025:
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाजों में से एक रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के बाद, टीम इंडिया के अगले टेस्ट कप्तान को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। नए कप्तान की तलाश जारी है और इस प्रतिष्ठित पद के लिए तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को सबसे मजबूत दावेदारों में गिना जा रहा है। जसप्रीत बुमराह के पक्ष में कई कारण हैं, जो बताते हैं कि वह रोहित शर्मा के विकल्प के तौर पर सबसे उपयुक्त लीडर साबित हो सकते हैं। क्रिकेट के कई दिग्गजों, जैसे सुनील गावस्कर, रविचंद्रन अश्विन और संजय मांजरेकर ने भी खुलकर ‘बूम-बूम’ बुमराह को टेस्ट कप्तान बनाने का समर्थन किया है।
जसप्रीत बुमराह, जो दुनिया के सबसे घातक और अप्रत्याशित गेंदबाजों में से एक हैं, में कप्तान बनने के स्वाभाविक गुण मौजूद हैं। अगर उन्हें टेस्ट टीम की कमान सौंपी जाती है, तो इसमें कोई शक नहीं कि वह टीम के लिए एक बेहतरीन नेतृत्व प्रदान करेंगे। यहाँ पाँच बड़े कारण बताए गए हैं जो बताते हैं कि क्यों जसप्रीत बुमराह टेस्ट कप्तान के लिए सबसे बेहतरीन विकल्प हैं:
1. विपक्षी टीम खौफ खाती है
जब जसप्रीत बुमराह के हाथ में गेंद हो और सामने वाली टीम के बल्लेबाज खौफ में न हों, ऐसा हो ही नहीं सकता। उनका अनूठा (यूनिक) गेंदबाजी एक्शन, रफ्तार और सटीक, पंजातोड़ यॉर्कर किसी भी बल्लेबाज के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होती। उनकी मौजूदगी भर से विपक्षी टीम दबाव महसूस करती है। बुमराह ने भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण को एक नई पहचान दी है और अब टीम को तेज गेंदबाजी के मामले में पहले से कहीं बेहतर माना जाता है, जिसका श्रेय काफी हद तक बुमराह के खौफ को जाता है।
2. मैदान पर बेजोड़ परफॉर्मेंस और गेंदबाज वाला दृष्टिकोण
जसप्रीत बुमराह ऐसे खिलाड़ी हैं जो मैदान पर उतरने के बाद बहुत कम ही मौके ऐसे होते हैं, जब वे अपनी छाप न छोड़ें। एक गेंदबाज के तौर पर भारतीय पिचों पर तो वह मैच विनर हैं ही, लेकिन जब टीम ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड जैसे कठिन विदेशी दौरों पर जाती है, तो उनकी मारक क्षमता और प्रभाव और भी बढ़ जाता है। भारत के पास अधिकतर समय बल्लेबाज ही कप्तान रहे हैं, जिनकी सोच स्वाभाविक रूप से एक बल्लेबाज की तरह होती है। ऐसे में, अगर एक गेंदबाज को कप्तान बनाया जाता है, तो वह खासकर विदेशी पिचों की परिस्थितियों को एक गेंदबाज के नजरिए से बेहतर समझ सकता है और उसी के अनुसार सटीक रणनीति बना सकता है, जो फिलहाल टीम इंडिया में शायद कहीं न कहीं ‘मिसिंग’ है।
3. कप्तान के तौर पर खुद को साबित किया है
जसप्रीत बुमराह ने भले ही ज्यादा मैचों में कप्तानी न की हो, लेकिन उन्होंने मिले मौकों पर खुद को साबित किया है। ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करना किसी भी कप्तान के लिए महत्वपूर्ण होता है। बुमराह ने पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक महत्वपूर्ण टेस्ट जीत में टीम की कप्तानी की थी (हालांकि यह इंग्लैंड दौरे पर हुआ था, स्रोत के अनुसार इसे ऑस्ट्रेलिया से जोड़ा गया है, उनके नेतृत्व में टीम ने महत्वपूर्ण क्षणों में अच्छा प्रदर्शन किया)। उनकी कप्तानी और गेंदबाजी का ही कमाल था कि टीम मुश्किल परिस्थितियों से निकलकर परिणाम हासिल कर पाई।
4. टीम मैनेजमेंट और प्लेयर्स से शानदार तालमेल
जसप्रीत बुमराह मैदान के बाहर बेहद शांत स्वभाव के और ‘कैप्टन कूल’ माने जाते हैं। उन्हें पता होता है कि कब, कहां और कितनी बात करनी है। वह अनावश्यक विवादों से दूर रहते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि उनके पास रोहित शर्मा की तरह हाजिरजवाबी या मजाकिया वन-लाइनर्स भले ही न हों, लेकिन टीम मैनेजमेंट और खिलाड़ियों के बीच उनकी साख और तालमेल बहुत अच्छा है। खिलाड़ी उनका सम्मान करते हैं और उनके नेतृत्व में खेलने में सहज महसूस करते हैं।
5. टीम के पोस्टर बॉय और मैच विनर गेंदबाज
जब से जसप्रीत बुमराह ने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा है, तभी से वह अपनी अलग छाप छोड़ रहे हैं। विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बड़े बल्लेबाजों के दबदबे वाले दौर में भी जसप्रीत बुमराह का क्रेज फैंस के बीच हमेशा बना रहा और कई बार सबसे ऊपर रहा। वह एक ऐसे गेंदबाज हैं जो अपने दम पर किसी भी मैच का पासा पलट सकते हैं, यानी एक सच्चे ‘मैच विनर’ हैं। उनकी यही मैच जिताने की क्षमता और खेल पर प्रभाव उन्हें विराट कोहली और रोहित शर्मा जितना ही मशहूर और प्रभावशाली बनाता है।
इन सभी कारणों को देखते हुए, जसप्रीत बुमराह टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय टीम की कप्तानी के लिए एक बहुत ही मजबूत, तार्किक और आकर्षक विकल्प के तौर पर उभरे हैं। अब देखना होगा कि बीसीसीआई चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट किसे यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपते हैं।