उत्तर प्रदेश सरकार ने रेंट एग्रीमेंट को पंजीकृत कराने की प्रक्रिया को सरल और किफायती बनाने का फैसला किया है। पहले, मकान मालिकों को किराए के अनुबंध को रजिस्टर्ड कराने के लिए वार्षिक किराए का 2% स्टांप शुल्क देना पड़ता था, जिससे अधिकतर लोग गैर-रजिस्टर्ड एग्रीमेंट का उपयोग कर रहे थे।
अब कितनी स्टांप ड्यूटी लगेगी?
- 1 लाख रुपये तक के वार्षिक किराए वाले 1 वर्ष के एग्रीमेंट के लिए ₹500 खर्च होंगे।
- तीन लाख वार्षिक किराए तक ₹1000, और छह लाख रुपये तक के किराए पर ₹2000 का शुल्क लगेगा।
- 5 वर्ष के एग्रीमेंट के लिए ₹1500-₹6000 और 10 वर्ष तक की अवधि के लिए ₹2000-₹8000 खर्च होंगे।
नए रेंट कंट्रोल कानून के लाभ
सरकार का मानना है कि रजिस्टर्ड एग्रीमेंट की लागत कम करने से मकान मालिक अधिक संख्या में अनुबंध पंजीकृत कराएंगे। इससे किरायेदारी संबंधी विवाद पर नए रेंट कंट्रोल कानून का लाभ मिलेगा और कोर्ट में मुकदमों की संख्या घटेगी।
सरकार का उद्देश्य
स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर रेंट एग्रीमेंट पंजीकरण शुल्क को कम करने और पूरी प्रक्रिया को आसान बनाने की योजना बनाई जा रही है। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह नया सिस्टम लागू किया जाएगा।