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सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में जीवन रक्षक प्रशिक्षण: BLS और ALS कार्यशाला आयोजित

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आगरा, 10 मई — आपातकालीन स्थितियों में हर सेकंड कीमती होता है, और ऐसे में बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) और एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट (ALS) तकनीकें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसी उद्देश्य से सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा में 9 से 14 मई तक एक विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देशभर से चिकित्सा विशेषज्ञ और प्रशिक्षक भाग ले रहे हैं।

जान बचाने की तकनीक: BLS और ALS का महत्व

आपातकालीन चिकित्सा स्थितियों में मरीज को तत्काल और सही इलाज मिलना ही जीवन और मृत्यु के बीच का अंतर तय करता है। BLS (बेसिक लाइफ सपोर्ट) एक प्राथमिक जीवनरक्षक प्रणाली है, जिसमें हृदय गति रुकने की पहचान, CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) और ऑटोमैटिक डिफिब्रिलेटर (AED) का उपयोग शामिल होता है। यह जीवनरक्षक तकनीकें मरीज की सांस या दिल की धड़कन बंद होने पर तुरंत लागू की जाती हैं

ALS (एडवांस्ड लाइफ सपोर्ट) अधिक विकसित प्रणाली है, जिसमें दवाइयों का सही इस्तेमाल, इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राफी (ECG), इंटुबेशन जैसी जटिल प्रक्रियाएं शामिल होती हैं। यह प्रशिक्षण विशेष रूप से डॉक्टरों, पैरामेडिक्स और चिकित्सा कर्मियों के लिए आवश्यक होता है।

मेडिकल कॉलेज की भागीदारी और प्रमुख आयोजक

यह जीवनरक्षक कार्यशाला सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के नेतृत्व में आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम के प्रमुख समन्वयक डॉ. संदीप साहू (SGPGI के फैकल्टी) हैं, जिन्होंने छह अन्य अनुभवी फैकल्टी सदस्यों के साथ इस प्रशिक्षण को संभव बनाया है।

कार्यशाला का आयोजन एनेस्थीसिया विभाग और अन्य चिकित्सा विभागों द्वारा किया गया है। प्रमुख आयोजक टीम में शामिल हैं:

  • ऑर्गेनाइजिंग चेयरमैन: डॉ. अपूर्व मित्तल (विभागाध्यक्ष, एनेस्थीसिया)
  • को-ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन: डॉ. प्रशांत लावनिया (विभागाध्यक्ष, सर्जरी)
  • ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी: डॉ. अमृता गुप्ता (एनेस्थीसिया विभाग)

इसके अतिरिक्त, डॉ. दीपिका, डॉ. राजीव पुरी, डॉ. अतिहर्ष मोहन ने कार्यशाला को सफल बनाने में योगदान दिया।

मीडिया प्रभारी डॉ. प्रीति भारद्वाज की महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यक्रम को लेकर सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज की मीडिया प्रभारी अधिकारी, डॉ. प्रीति भारद्वाज ने जानकारी दी कि इस प्रशिक्षण कार्यशाला में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों को जीवनरक्षक तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि BLS का प्रशिक्षण हर नागरिक को मिल जाए, तो हजारों दुर्घटनाओं और कार्डियक अरेस्ट से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है

कार्यशाला में भाग लेने वाले विशेषज्ञ और प्रशासनिक सहयोग

इस कार्यक्रम में कई चिकित्सा विशेषज्ञों और प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लिया:

  • डॉ. बृजेश शर्मा (SIC)
  • डॉ. टी.पी. सिंह (वाइस प्रिंसिपल)
  • डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह (CMS)
  • डॉ. अंशु गुप्ता, डॉ. कामना सिंह, डॉ. रेनू अग्रवाल, डॉ. संतोष, डॉ. धर्मेंद्र कुमार, डॉ. स्निग्धा सेन, डॉ. पंकज, डॉ. मृदुल

BLS और ALS: भविष्य की राह

आज के समय में, जब दिल की बीमारियों और सड़क दुर्घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, BLS और ALS प्रशिक्षण चिकित्सा छात्रों और डॉक्टरों के लिए जीवनरक्षक तकनीकों का सीखने का महत्वपूर्ण अवसर है। यदि हर नागरिक को BLS प्रशिक्षण दिया जाए, तो हजारों जानलेवा आपात स्थितियों में लोगों की जान बचाई जा सकती है

यह प्रशिक्षण आगरा के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में चिकित्सा सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यशाला का उद्देश्य मेडिकल छात्रों को व्यावहारिक रूप से तैयार करना और सुधारात्मक चिकित्सा सुविधाओं को विकसित करना है।

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