Shopping cart

Magazines cover a wide array subjects, including but not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

TnewsTnews
  • Home
  • Uttar Pradesh
  • मायावती की भतीजी का सनसनीखेज दावा: ‘पति नपुंसक, ससुरालवालों ने की दहेज की मांग और यौन उत्पीड़न की कोशिश’
Uttar Pradesh

मायावती की भतीजी का सनसनीखेज दावा: ‘पति नपुंसक, ससुरालवालों ने की दहेज की मांग और यौन उत्पीड़न की कोशिश’

Email :

11 अप्रैल, 2025, हापुड़
उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की भतीजी ने अपने पति, सास, ससुर, और ससुराल के अन्य सदस्यों पर दहेज उत्पीड़न, मारपीट, और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। कोर्ट के आदेश पर हापुड़ नगर कोतवाली में दर्ज FIR में सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें हापुड़ नगर पालिका अध्यक्ष पुष्पा देवी, उनके पति श्रीपाल सिंह, और उनके बेटे विशाल सिंह शामिल हैं। पीड़िता ने अपने पति पर यह सनसनीखेज दावा भी किया है कि वह बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन लेने के कारण नपुंसक हो गया, जिसकी जानकारी ससुरालवालों को थी। इस मामले ने न केवल सामाजिक और कानूनी बहस को जन्म दिया है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। आइए, इस मामले को विस्तार से समझते हैं।

मामले की शुरुआत: शादी और शुरुआती दिन

मायावती की भतीजी, जिनका नाम एलिस बताया जा रहा है, की शादी 9 नवंबर, 2023 को हापुड़ के बैंक कॉलोनी, रामलीला ग्राउंड के निवासी विशाल सिंह के साथ हुई थी। यह शादी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल, हयात में बड़े धूमधाम से संपन्न हुई थी। विशाल सिंह की मां पुष्पा देवी वर्तमान में बसपा के टिकट पर हापुड़ नगर पालिका की अध्यक्ष हैं, जबकि उनके पति श्रीपाल सिंह बसपा के एक प्रमुख नेता और पूर्व विधायक प्रत्याशी रहे हैं। शादी के शुरुआती दिन सामान्य रहे, लेकिन जल्द ही पीड़िता का वैवाहिक जीवन कठिनाइयों से भर गया।

एलिस ने अपनी शिकायत में बताया कि शादी के कुछ समय बाद ही ससुरालवालों ने उस पर दहेज की मांग शुरू कर दी। आरोप है कि पुष्पा देवी, श्रीपाल सिंह, विशाल सिंह, जेठ भूपेंद्र उर्फ मोनू, जेठानी निशा, ननद शिवानी, और मौसा ससुर अखिलेश ने मिलकर गाजियाबाद के इंदिरापुरम में एक फ्लैट और 50 लाख रुपये नकद की मांग की। इसके अलावा, उन्होंने बसपा का एक टिकट भी मांगा, यह कहते हुए कि मायावती, जो एलिस की बुआ हैं, पार्टी की कर्ताधर्ता हैं और उनके पास अपार धन-संपत्ति है।

दहेज की मांग और मानसिक-शारीरिक प्रताड़ना

एलिस के अनुसार, ससुरालवाले उसकी बुआ मायावती के नाम और उनके राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करके उसे डराते-धमकाते थे। उन्होंने बार-बार कहा कि मायावती के पास बहुत पैसा है, इसलिए एक फ्लैट और 50 लाख रुपये की व्यवस्था करना उसके लिए कोई बड़ी बात नहीं होनी चाहिए। जब एलिस ने इस मांग का विरोध किया, तो ससुरालवालों ने उसके साथ मारपीट शुरू कर दी। उसे गाली-गलौज का सामना करना पड़ा, और धमकी दी गई कि अगर उसने किसी से शिकायत की, तो उसे और उसके परिवार को झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाएगा।

शिकायत में यह भी कहा गया है कि ससुरालवालों ने मायावती की घटती लोकप्रियता का जिक्र करते हुए तंज कसा कि अब उनकी बुआ का कोई जनाधार नहीं बचा है, और वह उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकतीं। इस तरह की धमकियों ने एलिस को मानसिक रूप से तोड़ने की कोशिश की, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपने हक के लिए लड़ने का फैसला किया।

पति पर गंभीर आरोप: स्टेरॉयड से नपुंसकता

मामले में सबसे सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब एलिस ने अपने पति विशाल सिंह पर नपुंसकता का आरोप लगाया। उसने FIR में दावा किया कि विशाल शादी से पहले बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड इंजेक्शन लेता था, जिसके दुष्प्रभाव के कारण वह वैवाहिक जीवन के लिए शारीरिक रूप से अयोग्य हो गया। एलिस का कहना है कि इस बात की जानकारी ससुराल के सभी लोगों को थी, लेकिन उन्होंने उसे अंधेरे में रखा और शादी कर दी। इस कारण उसका वैवाहिक जीवन पूरी तरह बर्बाद हो गया।

जब एलिस ने इस मुद्दे पर अपनी सास पुष्पा देवी और ननद शिवानी से बात की, तो उन्होंने सामाजिक मर्यादाओं को लांघते हुए कहा कि अगर उसे बच्चा चाहिए, तो वह अपने जेठ भूपेंद्र उर्फ मोनू के साथ शारीरिक संबंध बनाए। इस सुझाव ने न केवल एलिस को स्तब्ध कर दिया, बल्कि उसे अपने ससुराल में असुरक्षित महसूस होने लगा।

यौन उत्पीड़न का प्रयास और हिंसा

एलिस ने अपनी शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि 17 फरवरी, 2025 की रात को उसके ससुर श्रीपाल सिंह और जेठ भूपेंद्र ने उसके साथ यौन उत्पीड़न का प्रयास किया। जब उसने शोर मचाया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया। आरोपियों ने उसे धमकी दी कि अगर उसने दहेज की मांग पूरी नहीं की, तो वे उसे और उसके परिवार की प्रतिष्ठा को बर्बाद कर देंगे। इस घटना ने एलिस को पूरी तरह तोड़ दिया, और वह अपने मायके लौट आई।

18 मार्च, 2025 को उसने अपने परिजनों को सारी आपबीती सुनाई। परिजनों ने तुरंत उसकी ससुराल का रुख किया, लेकिन वहां से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। इसके बाद एलिस ने कानूनी रास्ता अपनाने का फैसला किया।

पुलिस की उदासीनता और कोर्ट का हस्तक्षेप

एलिस ने बताया कि 17 फरवरी की घटना के बाद वह अपने परिजनों के साथ हापुड़ नगर कोतवाली पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि सास पुष्पा देवी के राजनीतिक रसूख के कारण पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। 21 मार्च, 2025 को उसने हापुड़ के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को रजिस्टर्ड डाक से शिकायती पत्र भेजा, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला।

न्याय की उम्मीद में एलिस ने 24 मार्च को हापुड़ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट में याचिका दाखिल की। 8 अप्रैल को कोर्ट ने पुलिस को सात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद 10 अप्रैल, 2025 को हापुड़ नगर कोतवाली में पुष्पा देवी, श्रीपाल सिंह, विशाल सिंह, भूपेंद्र उर्फ मोनू, निशा, शिवानी, और अखिलेश के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 85 (पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा महिला के साथ क्रूरता), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 351(2) (आपराधिक धमकी), 75 (यौन उत्पीड़न), 76 (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला), और दहेज निषेध अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई।

बसपा का सख्त कदम: तीन नेताओं का निष्कासन

इस मामले ने बसपा के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट खड़ा कर दिया। जैसे ही यह खबर सुर्खियों में आई, बसपा सुप्रीमो मायावती के आदेश पर हापुड़ जिला अध्यक्ष डॉ. एके कर्दम ने गुरुवार शाम को पुष्पा देवी, श्रीपाल सिंह, और उनके बेटे विशाल सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया। निष्कासन का कारण पार्टी विरोधी गतिविधियां और अनुशासनहीनता बताया गया।

डॉ. कर्दम ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि इन नेताओं को कई बार चेतावनी दी गई थी, लेकिन उनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। पार्टी ने इस कदम को संगठनात्मक अनुशासन और अपनी छवि को बचाने के लिए जरूरी बताया। यह निष्कासन पुष्पा देवी और श्रीपाल सिंह के राजनीतिक करियर के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि श्रीपाल आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे थे।

राजनीतिक हलचल और सामाजिक बहस

इस मामले ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है। पुष्पा देवी के बसपा से निष्कासन ने पार्टी की आंतरिक कार्यप्रणाली और नेताओं के व्यवहार पर सवाल उठाए हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला मायावती की छवि को प्रभावित कर सकता है, जो हमेशा से सामाजिक न्याय और महिलाओं के अधिकारों की वकालत करती रही हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश शुरू कर दी है, इसे बसपा नेताओं के नैतिक पतन का उदाहरण बताते हुए।

सामाजिक स्तर पर, इस मामले ने दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, और महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों पर एक नई बहस छेड़ दी है। कई महिला संगठनों ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके। साथ ही, स्टेरॉयड के दुरुपयोग और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों पर भी चर्चा शुरू हो गई है।

कानूनी स्थिति और जांच

हापुड़ के सिटी सीओ जितेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। कोतवाली प्रभारी मुनीश प्रताप सिंह ने भी पुष्टि की कि सभी आरोपियों के खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, यह मामला कानूनी रूप से जटिल हो सकता है, क्योंकि इसमें गंभीर आरोपों के साथ-साथ राजनीतिक प्रभाव का भी सवाल है।

पुलिस को यह जांच करनी होगी कि क्या दहेज की मांग और यौन उत्पीड़न के आरोप सही हैं, और क्या विशाल सिंह की चिकित्सीय स्थिति के दावे की पुष्टि मेडिकल जांच से हो सकती है। इसके अलावा, यह भी देखना होगा कि क्या ससुरालवालों ने अपने राजनीतिक रसूख का दुरुपयोग करके पुलिस पर दबाव बनाया।

सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू

यह मामला केवल एक कानूनी विवाद नहीं है; यह सामाजिक और मनोवैज्ञानिक मुद्दों को भी उजागर करता है। दहेज की मांग और घरेलू हिंसा आज भी भारतीय समाज में गहरे पैठे हुए हैं, और यह मामला दिखाता है कि शिक्षा और राजनीतिक प्रभाव के बावजूद ये समस्याएं बनी हुई हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह के मामलों में पीड़ित महिलाएं अक्सर मानसिक तनाव और सामाजिक दबाव का सामना करती हैं, जिससे उनकी आवाज दब जाती है।

साथ ही, स्टेरॉयड के दुरुपयोग का मुद्दा भी चिंता का विषय है। बॉडीबिल्डिंग और फिटनेस के प्रति बढ़ता जुनून कई युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रहा है, जिसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

यह मामला सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है। कुछ लोग एलिस के साहस की तारीफ कर रहे हैं, जो अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ खुलकर सामने आईं। वहीं, कुछ लोग इसे बसपा की आंतरिक कमजोरियों का नतीजा बता रहे हैं। कई यूजर्स ने स्टेरॉयड और नपुंसकता के दावे पर भी मजाकिया टिप्पणियां की हैं, लेकिन अधिकांश लोग इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और पीड़िता के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।

निष्कर्ष: एक जटिल और संवेदनशील मामला

मायावती की भतीजी का यह मामला न केवल एक पारिवारिक विवाद है, बल्कि यह समाज, कानून, और राजनीति के कई पहलुओं को छूता है। दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, और यौन उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोपों ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या हमारा समाज वाकई में बदल रहा है। साथ ही, स्टेरॉयड के दुरुपयोग और इसके स्वास्थ्य पर प्रभाव ने एक नई चिंता को जन्म दिया है।

पुलिस की जांच और कोर्ट का फैसला इस मामले की दिशा तय करेगा, लेकिन यह साफ है कि इस घटना ने हापुड़ से लेकर लखनऊ तक हलचल मचा दी है। बसपा का अपने नेताओं को निष्कासित करना एक सख्त संदेश है, लेकिन क्या यह पीड़िता को न्याय दिलाने में मदद करेगा, यह समय ही बताएगा।

MayawatiNiece #DowryHarassment #HapurNews #PushpaDevi #ShripalSingh #VishalSingh #BSPExpulsion #DomesticViolence #SexualHarassment #SteroidAbuse #ImpotenceAllegations #CourtCase #FIRHapur #PoliticalControversy #SocialIssues

img

खबर भेजने के लिए व्हाट्स एप कीजिए +917579990777 pawansingh@tajnews.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts