11 अप्रैल, 2025, अलीगढ़
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के एक छोटे से गांव से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो न केवल हैरान करने वाली है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक रिश्तों पर सवाल उठाती है। एक 38 वर्षीय महिला, जो अपनी बेटी की शादी की तैयारियों में व्यस्त थी, अपने होने वाले दामाद के साथ फरार हो गई। यह घटना शादी से नौ दिन पहले हुई, जब घर में निमंत्रण पत्र बंट चुके थे और उत्सव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही थीं। अब इस मामले में नया अपडेट सामने आया है—महिला वापस लौटने को तैयार नहीं है, जबकि उसकी बेटी ने साफ कह दिया है कि वह ऐसी मां से कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती। बेटी का कहना है, “मेरी मां ही मेरी सौतन निकली।” पुलिस ने दोनों की लोकेशन उत्तराखंड के रुद्रपुर में ट्रेस की है और उनकी तलाश जारी है। आइए, इस अनोखी और विवादास्पद कहानी को विस्तार से समझते हैं।
घटना की शुरुआत: एक अनोखा प्रेम
अलीगढ़ के मडराक थाना क्षेत्र के एक गांव में जितेंद्र कुमार नाम का एक व्यक्ति अपनी 18 वर्षीय बेटी शिवानी की शादी की तैयारियां कर रहा था। जितेंद्र बेंगलुरु में कपड़े का व्यवसाय करते हैं और अपनी बेटी के लिए एक अच्छा जीवनसाथी चुनने की जिम्मेदारी पूरी मेहनत से निभा रहे थे। चार महीने पहले, उनकी बेटी का रिश्ता 25 वर्षीय राहुल नाम के एक युवक से तय हुआ, जो अलीगढ़ में ही कपड़े का व्यापार करता था। दोनों परिवारों में यह रिश्ता खुशी-खुशी स्वीकार किया गया, और 16 अप्रैल, 2025 को शादी की तारीख तय हुई।
शादी की तैयारियां शुरू हो चुकी थीं। जितेंद्र ने अपनी बेटी के लिए पांच लाख रुपये के जेवर और साढ़े तीन लाख रुपये नकद का इंतजाम किया था। निमंत्रण पत्र छप गए, रिश्तेदारों को बुलावा भेजा जा चुका था, और घर में उत्सव का माहौल था। लेकिन इस बीच, एक ऐसी घटना घटी, जिसने न केवल इस परिवार को, बल्कि पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। जितेंद्र की 38 वर्षीय पत्नी अनिता (नाम बदला हुआ) अपने होने वाले दामाद राहुल के साथ घर से फरार हो गई।
कैसे शुरू हुई प्रेम कहानी?
इस कहानी की शुरुआत तब हुई, जब राहुल ने अपनी होने वाली सास अनिता को एक स्मार्टफोन गिफ्ट किया। यह फोन रिश्ते की शुरुआत में एक सामान्य उपहार के रूप में दिया गया था, लेकिन यही फोन दोनों के बीच प्रेम का जरिया बन गया। बताया जाता है कि अनिता और राहुल पिछले चार महीनों से इस फोन के जरिए एक-दूसरे से बातें कर रहे थे। उनकी बातचीत इतनी बढ़ गई कि वे दिन में 20 घंटे से भी ज्यादा समय तक फोन पर जुड़े रहते थे।
जितेंद्र को अपनी पत्नी की इस हरकत पर शक तो हुआ, लेकिन शादी की तारीख नजदीक होने के कारण उन्होंने इस मुद्दे को तूल नहीं दिया। उन्हें लगा कि शायद यह शादी की तैयारियों के सिलसिले में होने वाली बातचीत है। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी पत्नी और होने वाला दामाद एक गहरे भावनात्मक रिश्ते में बंध चुके हैं। शादी से नौ दिन पहले, अनिता घर से पांच लाख रुपये के जेवर, साढ़े तीन लाख रुपये नकद, और कुछ जरूरी सामान लेकर राहुल के साथ फरार हो गई।
परिवार का दर्द: बेटी की टूटी उम्मीदें
अनिता की इस हरकत ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। सबसे ज्यादा प्रभावित हुई उनकी बेटी शिवानी, जिसके सपनों का संसार चकनाचूर हो गया। शादी के लिए तैयारियां पूरी थीं, मेहंदी और हल्दी की रस्मों की तारीखें तय हो चुकी थीं, लेकिन उसकी अपनी मां ने ही उसके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घड़ी को बर्बाद कर दिया। शिवानी की तबीयत इस सदमे के कारण बिगड़ गई है, और वह मानसिक रूप से टूट चुकी है।
शिवानी ने अपने गुस्से और दर्द को खुलकर व्यक्त करते हुए कहा, “मेरी मां ही मेरी सौतन निकली। ऐसी मां से अब मैं कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती।” उसने अपनी मां से केवल एक मांग की है कि वह पिता की मेहनत से जुटाए गए जेवर और नकदी को वापस कर दे। शिवानी का कहना है कि उसके पिता ने अपनी जिंदगी की कमाई उसकी शादी के लिए खर्च की थी, और अब वह उस धन को वापस चाहती है ताकि परिवार की आर्थिक स्थिति को कुछ हद तक संभाला जा सके।
पति का दुख: एक अनुत्तरित सवाल
जितेंद्र कुमार, जो इस घटना से पूरी तरह टूट चुके हैं, केवल एक सवाल पूछना चाहते हैं—उनकी पत्नी ने ऐसा क्यों किया? उन्होंने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने राहुल को फोन किया, तो पहले उसने अनिता के साथ होने की बात से इनकार किया। लेकिन बाद में उसने जितेंद्र को हड़काते हुए कहा, “हां, वो मेरे साथ है। तुम उसके साथ 20 साल रह लिए, अब उसे भूल जाओ।” यह सुनकर जितेंद्र का दिल टूट गया। उन्होंने कहा कि वह अपनी पत्नी को वापस अपने जीवन में स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन वह एक बार उससे मिलकर यह जरूर पूछना चाहते हैं कि उसने ऐसा क्यों किया।
जितेंद्र का कहना है कि उनकी पत्नी ने न केवल परिवार की इज्जत को मिट्टी में मिलाया, बल्कि उनकी बेटी के भविष्य को भी अंधेरे में धकेल दिया। उन्होंने पुलिस से अपील की है कि उनकी पत्नी और राहुल को जल्द से जल्द ढूंढा जाए ताकि कम से कम उनके द्वारा ले जाए गए जेवर और नकदी को वापस लाया जा सके।
पुलिस की कार्रवाई: उत्तराखंड में लोकेशन
जितेंद्र की शिकायत के आधार पर मडराक थाना पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की। पुलिस ने मोबाइल सर्विलांस की मदद से अनिता और राहुल की लोकेशन को ट्रेस किया और पाया कि दोनों उत्तराखंड के रुद्रपुर में हैं। बताया जाता है कि दोनों बस के जरिए अलीगढ़ से उत्तराखंड पहुंचे थे। पुलिस ने दोनों की तलाश तेज कर दी है और स्थानीय अधिकारियों के साथ समन्वय बनाकर उनकी गिरफ्तारी की कोशिश कर रही है।
सीओ इगलास महेश कुमार ने बताया कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू की गई है। दोनों की तलाश के लिए सर्विलांस का उपयोग किया जा रहा है, और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। हालांकि, पुलिस के सामने एक चुनौती यह भी है कि अनिता ने स्वेच्छा से राहुल के साथ जाना स्वीकार किया है, जिसके कारण इस मामले में कानूनी पेचीदगियां बढ़ सकती हैं।
दोनों परिवारों का टकराव
इस घटना ने दोनों परिवारों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। बुधवार को शिवानी के परिवार के करीब 35 लोग राहुल के घर पहुंचे और उनके परिवार से अब तक दिए गए दहेज, जिसमें एक लाख रुपये नकद शामिल थे, को वापस करने की मांग की। शिवानी के परिवार का कहना है कि इस घटना के बाद वे इस रिश्ते को आगे नहीं बढ़ाना चाहते। दूसरी ओर, राहुल के परिवार ने भी अपने बेटे की इस हरकत की निंदा की है और उसकी तलाश में जुटे हैं।
राहुल के पिता ने बताया कि उन्हें अपने बेटे की इस हरकत का कोई अंदाजा नहीं था। उन्होंने कहा कि राहुल ने कपड़े खरीदने के बहाने घर से निकलने की बात कही थी, और इसके बाद उसने अपने पिता को फोन पर कहा कि अब उसे तलाशने की कोशिश न करें। राहुल के परिवार ने भी पुलिस से अपील की है कि उनके बेटे को ढूंढा जाए ताकि इस मामले का कोई हल निकल सके।
महिला का बयान: वापसी से इनकार
इस मामले में सबसे चौंकाने वाला अपडेट तब आया, जब अनिता ने अपने परिवार को फोन पर बताया कि वह राहुल के साथ खुश है और वापस नहीं लौटना चाहती। उसने अपने पति से कहा कि वह अब अपनी नई जिंदगी शुरू करना चाहती है और पुराने रिश्तों को पीछे छोड़ देना चाहिए। इस बयान ने न केवल जितेंद्र को, बल्कि पूरे गांव को हतप्रभ कर दिया। लोग इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि आखिर एक मां अपनी बेटी के भविष्य को दांव पर लगाकर ऐसा कदम कैसे उठा सकती है।
अनिता ने यह भी दावा किया कि उसका और राहुल का रिश्ता सच्चा है और वह किसी दबाव में नहीं है। हालांकि, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या अनिता पर कोई दबाव है या उसने यह फैसला पूरी तरह अपनी मर्जी से लिया है।
सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू
यह घटना केवल एक प्रेम कहानी नहीं है; यह सामाजिक संरचना और पारिवारिक रिश्तों पर गहरे सवाल उठाती है। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के मामले तब सामने आते हैं, जब लोग अपने जीवन में भावनात्मक खालीपन या असंतुष्टि महसूस करते हैं। अनिता, जो अपने पति के साथ 20 साल से वैवाहिक जीवन जी रही थी, शायद अपने रिश्ते में वह सुकून या उत्साह नहीं पा रही थी, जो उसे राहुल के साथ बातचीत में मिला।
साथ ही, यह मामला डिजिटल युग की एक और सच्चाई को उजागर करता है। स्मार्टफोन और सोशल मीडिया ने लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने में तो मदद की है, लेकिन कई बार यह अनुचित रिश्तों का कारण भी बन जाता है। अनिता और राहुल की कहानी इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक साधारण उपहार, जैसे स्मार्टफोन, अनपेक्षित परिणामों को जन्म दे सकता है।
कानूनी स्थिति
कानूनी दृष्टिकोण से यह मामला जटिल है। चूंकि अनिता और राहुल दोनों बालिग हैं और अनिता ने स्वेच्छा से राहुल के साथ जाने की बात कही है, इसलिए पुलिस के लिए इस मामले में सीधे आपराधिक कार्रवाई करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि, जितेंद्र ने चोरी का आरोप लगाया है, क्योंकि अनिता घर से जेवर और नकदी लेकर गई थी। अगर यह साबित हो जाता है कि अनिता ने यह सामान बिना परिवार की सहमति के लिया, तो उनके खिलाफ चोरी का मामला दर्ज हो सकता है।
पुलिस इस मामले में दोनों पक्षों की बात सुनने और तथ्यों की जांच करने के बाद ही कोई अंतिम फैसला लेगी। फिलहाल, उनकी प्राथमिकता अनिता और राहुल को ढूंढना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
सोशल मीडिया पर हलचल
यह कहानी सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। लोग अनिता और राहुल की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं और इस घटना पर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। कुछ लोग इसे एक अनैतिक कृत्य मान रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला बता रहे हैं। लेकिन अधिकांश लोग शिवानी और जितेंद्र के दर्द के प्रति सहानुभूति जता रहे हैं। इस घटना ने समाज में रिश्तों की पवित्रता और विश्वास पर एक नई बहस छेड़ दी है।
निष्कर्ष: एक टूटा परिवार
अलीगढ़ की यह सास-दामाद प्रेम कहानी न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह समाज के सामने कई सवाल भी खड़े करती है। अनिता का फैसला भले ही उसकी व्यक्तिगत पसंद हो, लेकिन इसने उसकी बेटी और पति के जीवन को पूरी तरह बदल दिया है। शिवानी का यह कहना कि “मेरी मां ही मेरी सौतन है” उस दर्द को बयां करता है, जो इस घटना ने उसे दिया। जितेंद्र का अनुत्तरित सवाल—”ऐसा क्यों किया?”—शायद कभी जवाब न पाए। पुलिस की तलाश और इस कहानी का अंत भले ही कुछ भी हो, लेकिन यह घटना लंबे समय तक लोगों के जेहन में रहेगी।
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