वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम का भव्य आयोजन
अमृता विद्या – एजुकेशन फॉर इम्मोर्टालिटी और छांव फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में “इन्वेस्टर अवेयरनेस प्रोग्राम फॉर स्प्रेडिंग फाइनेंशियल लिटरेसी” सेमिनार का आयोजन फतेहाबाद रोड स्थित ‘शीरोज हैंग आऊट’ में किया गया।
सेबी की पहल: वित्तीय शिक्षा पर जोर
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया है जिसके तहत म्यूचुअल फंड कंपनियों को अपने प्रबंधित धन का 0.02% हिस्सा एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के मार्गदर्शन में निवेशक जागरूकता कार्यक्रम (IAP) आयोजित करने पर खर्च करना होगा।
शिक्षा एवं प्रशिक्षण सहभागिता केंद्र (CET) की भूमिका
CET विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों, म्यूचुअल फंडों और अन्य वित्तीय संस्थानों के लिए वित्तीय साक्षरता कार्यशालाओं के अनिवार्य निष्पादक के रूप में कार्य करता है।
सेमिनार के मुख्य उद्देश्य
45 मिनट के इस विशेष सेमिनार के प्रमुख उद्देश्य थे:
- निवेशकों को वित्तीय रूप से साक्षर बनाना
- व्यक्तिगत वित्त प्रबंधन के लिए सही निर्णय लेने में मदद करना
- निवेश की सामान्य गलतियों से बचने के तरीके बताना
मुख्य प्रशिक्षक मनीष अग्रवाल का विशेष सत्र
विशेषज्ञ प्रशिक्षक मनीष अग्रवाल ने एक इंटरैक्टिव सत्र में प्रतिभागियों को वित्तीय नियोजन के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया।
निवेश की सामान्य गलतियाँ
मनीष अग्रवाल ने अपने प्रस्तुतीकरण में निवेशकों द्वारा की जाने वाली प्रमुख गलतियों पर प्रकाश डाला:
- बिना उचित शोध के निवेश करना
- अल्पकालिक लाभ के लिए अत्यधिक जोखिम लेना
आय/निवेश के प्रमुख दुश्मन
इस सत्र में आय और निवेश को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों पर चर्चा की गई:
- महंगाई का प्रभाव
- अनावश्यक खर्चों का नियंत्रण न कर पाना
जोखिम प्रबंधन: एक व्यावहारिक दृष्टिकोण
“जोखिम क्या है?” विषय पर मनीष अग्रवाल ने एक आंख खोलने वाली प्रस्तुति दी।
जीवन लक्ष्यों से निवेश को जोड़ना
सेमिनार का यह सबसे महत्वपूर्ण सत्र था जिसमें बताया गया कि कैसे:
- अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्यों की पहचान करें
- लक्ष्य-आधारित निवेश योजना बनाएं
प्रतिभागियों की सूची
इस महत्वपूर्ण सेमिनार में निम्नलिखित प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया:
- अनिल शर्मा
- मजाज उद्दीन कुरैशी
- कांति
- वंदना तिवारी
प्रश्नोत्तर सत्र: जिज्ञासाओं का समाधान
15 मिनट के प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने अपनी विभिन्न जिज्ञासाओं और शंकाओं का समाधान प्राप्त किया।
कार्यक्रम का समापन और भविष्य की योजनाएँ
मनीष अग्रवाल ने अपने समापन भाषण में कहा, “वित्तीय साक्षरता ही आर्थिक स्वतंत्रता की कुंजी है।”
भविष्य के कार्यक्रमों की रूपरेखा
संस्था द्वारा भविष्य में इसी प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है।